लेखकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने धार्मिक स्थलों को नहीं खोलने के उद्धव ठाकरे के फैसले का किया समर्थन
ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता बालचंद्र नेमाडे समेत कई लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता कोरोना वायरस के मद्देनजर महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को नहीं खोलने के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्णय के समर्थन में शुक्रवार को सामने आ गये।
10:42 PM Oct 23, 2020 IST | Shera Rajput
ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता बालचंद्र नेमाडे समेत कई लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता कोरोना वायरस के मद्देनजर महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को नहीं खोलने के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्णय के समर्थन में शुक्रवार को सामने आ गये।
नेमाडे, लेखकर रंगनाथ पठारे और शांता गोखले एवं अंधविश्वास -विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता मुक्ता दाभोलकर और बैंकिंग क्षेत्र के कार्यकर्ता विश्वास उटागी समेत 100 से अधिक हस्तियों ने धार्मिक स्थलों को नहीं खोलने के निर्णय के प्रति अपना समर्थन प्रकट करे हुए ठाकरे को पत्र लिखा।
मुख्यमंत्री विपक्षी भाजपा की आलोचना का सामना कर रहे हैं जो मंदिरों को खोलने का दबाव बना रही है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने हाल ही में उन्हें पत्र लिखा था और मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थलों को खोलने से इनकार करने को लेकर उनकी हिंदुत्व विचारधारा पर सवाल उठाया था।
मशहूर उपन्यासकार द्वय नेमाडे और पठारे एवं अन्य के हस्ताक्षर वाले इस पत्र में लिखा गया है, ‘‘ आपकी सरकार पहले से ही अर्थव्यवस्था के पहिये को घुमाने की चुनौती से जूझ रही है और आपने धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए राज्यपाल के दबाव का सामना किया है।’’
पत्र में कहा गया है, ‘‘ भारतीय संविधान का अनुच्छेद 25 भी सरकार को स्वास्थ्य को धार्मिक मुद्दों से ऊपर रखने का अधिकार प्रदान करता है। हम, लोगों के धार्मिक विश्वास का राजनीतिक फायदा उठाने का जबर्दस्त विरोध करते हैं। यदि धार्मिक स्थल खोले जाते हैं तो इससे लोगों की जिंदगी पर बड़ा खतरा पैदा होगा।’’
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