यशस्वी सोलंकी बनी राष्ट्रपति की पहली महिला ADC, जानें कैसे पहुंची इस मुकाम तक
यशस्वी सोलंकी की ऐतिहासिक उपलब्धि, नौसेना की पहली महिला ADC
लेफ्टिनेंट कमांडर यशस्वी सोलंकी भारतीय नौसेना की पहली महिला अधिकारी बनी हैं जिन्हें राष्ट्रपति की एड-डी-कैंप नियुक्त किया गया है। अनुशासन और कड़ी मेहनत के कारण उन्हें यह सम्मान मिला है, जो नौसेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर यशस्वी सोलंकी को राष्ट्रपति की एड-डी-कैंप (ADC) नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर होते हैं। यह पहली बार है कि नौसेना की किसी महिला अधिकारी को सर्वोच्च कमांडर की एड-डी-कैंप का पद दिया गया है। राष्ट्रपति को 5 ADC दिए गए हैं। इनमें से 3 थलसेना, 1 वायुसेना और 1 नौसेना से हैं। इसके लिए राष्ट्रपति खुद अधिकारियों का चयन करते हैं।
अनुशासन और कड़ी मेहनत से मिला पद
यशस्वी सोलंकी हरियाणा की रहने वाली हैं। 2012 में वे शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत नौसेना की लॉजिस्टिक्स ब्रांच में शामिल हुईं। इसके बाद 5 से 7 साल तक यहां सेवा देने के बाद अब उन्हें राष्ट्रपति की ADC बनाया गया है। नौसेना अधिकारियों के मुताबिक यशस्वी के अनुशासन, कड़ी मेहनत और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें इस पद पर पहुंचाया है। अब उन्हें राष्ट्रपति की ADC नियुक्त किया गया है। ऐसा करने वाली वे पहली महिला हैं।
पहले भी एडीसी बनी हैं महिलाएं
वर्ष 2023 में स्क्वाड्रन लीडर मनीषा पाडी को मिजोरम के मुख्यमंत्री हरिबाबू कम्बंबती की एडीसी बनाया गया। वह राज्यपाल की एडीसी बनने वाली पहली महिला थीं। मनीषा 2015 बैच की भारतीय वायुसेना अधिकारी हैं। इससे पहले 2019 में लेफ्टिनेंट गनी लालजी को सेना कमांडर का एडीसी बनाया गया था। वह सेना कमांडर की एडीसी बनने वाली पहली महिला थीं। लालजी को 2011 में कोर ऑफ मिलिट्री इंटेलिजेंस में भर्ती किया गया था।
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