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कर्नाटक उपचुनाव पर टिका येदियुरप्पा सरकार का भविष्य, BJP ने झोंकी ताकत

कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव पर भाजपा की बी.एस. येदियुरप्पा सरकार का भविष्य टिका है। सरकार बचाने के लिए फिलहाल भाजपा को वैसे तो सात सीटें चाहिए, मगर पार्टी ने कम से कम आठ सीटें जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।

09:38 AM Dec 02, 2019 IST | Desk Team

कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव पर भाजपा की बी.एस. येदियुरप्पा सरकार का भविष्य टिका है। सरकार बचाने के लिए फिलहाल भाजपा को वैसे तो सात सीटें चाहिए, मगर पार्टी ने कम से कम आठ सीटें जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।

कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव पर भाजपा की बी.एस. येदियुरप्पा सरकार का भविष्य टिका है। सरकार बचाने के लिए फिलहाल भाजपा को वैसे तो सात सीटें चाहिए, मगर पार्टी ने कम से कम आठ सीटें जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। हालांकि भाजपा के नेता उपचुनाव में सभी 15 सीटों पर क्लीन स्वीप का दावा कर रहे हैं। भाजपा ने उपचुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। बी.एस. येदियुरप्पा मंत्रियों व संगठन पदाधिकारियों के साथ विधानसभा क्षेत्रों में दिन-रात कैंप कर रहे हैं। 
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भाजपा महासचिव पी. मुरलीधर राव बतौर कर्नाटक प्रभारी उपचुनाव की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। कई दफा वह राज्य में भाजपा कोर कमेटी की बैठक लेकर पार्टी नेताओं को चुनाव प्रबंधन का पाठ पढ़ा चुके हैं। पी. मुरलीधर राव ने  कहा, “उपचुनाव में सिर्फ स्थिर सरकार ही एक मुद्दा है। जनता भाजपा को वोट देकर बी.एस. येदियुरप्पा के नेतृत्व में स्थिर सरकार चाहती है। क्योंकि जनता कांग्रेस-जेडी(एस) की सरकार का हश्र देख चुकी है। कांग्रेस राज्य को मध्यावधि चुनाव में झोंकना चाहती है, जिसे जनता भली-भांति जानती है।”राव ने सभी 15 सीटें जीतने का दावा किया है। 
उल्लेखनीय है कि 224 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और जनता दल (सेकुलर) के कुल 17 विधायकों के इस्तीफा देने से बीती जुलाई में कुमारस्वामी की गठबंधन सरकार गिर गई थी। वहीं इन विधायकों के इस्तीफे के कारण बहुमत के आंकड़े के कम होकर 104 पहुच गया और उसके बाद भाजपा ने 105 विधायकों के साथ सरकार बनाई थी। इस्तीफा देने वाले सभी विधायकों को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य करार देकर उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। मगर, सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर में इन अयोग्य करार दिए गए विधायकों को चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी। जिसके बाद भाजपा ने चुनाव वाली 15 सीटों पर उन्हीं अयोग्य विधायकों को टिकट दिया है। 
वैसे तो विधायकों के इस्तीफे से खाली हुईं कुल 17 सीटों पर चुनाव होना है। मगर दो सीटों का मामला कोर्ट में होने के कारण फिलहाल 15 सीटों पर ही पांच दिसंबर को उपचुनाव हो रहा है। उपचुनाव के नतीजे नौ दिसंबर को आएंगे। इस समय कर्नाटक में कुल 207 विधायक हैं। बहुमत के लिए जरूरी 104 से एक अधिक 105 विधायक भाजपा के पास हैं। अब 15 और विधायकों के चुनाव के बाद सदन की सदस्य संख्या 222 हो जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए भाजपा को 112 विधायक चाहिए। लिहाजा इस उपचुनाव में सात सीटें जीतने पर भाजपा की येदियुरप्पा सरकार को बहुमत हासिल हो जाएगा। लेकिन भाजपा कम से कम आठ सीटें जीतना चाहती है। 
खाली हुई दो अन्य सीटों पर भी आगे चुनाव होंगे, जिससे बहुमत का आंकड़ा 113 हो जाएगा। ऐसे में भाजपा इसी उपचुनाव में पूरे बहुमत की व्यवस्था कर लेना चाहती है। जिन सीटों को पांच दिसंबर को उपचुनाव के लिए मतदान होना है, उनमें गोकक, कागवाड, अथानी, येल्लपुरा, हिरेकेरूर, रवबेन्नुर, विजय नगर, चिकबल्लापुरा, केआरपुरा, यशवंतपुरा, महालक्ष्मी लायुत, शिवाजी नगर, होसकोटे, हंसुर और केआर पेटे विधानसभा सीटें शामिल हैं। दो सीटों मस्की और राजराजेश्वरी का मामला कोर्ट में होने के कारण फिलहाल वहां उपचुनाव नहीं हो रहे हैं। 

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