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अहमदनगर अस्पताल आग: स्टाफ की लापरवाही ने ली कोविड मरीजों की जान, पुलिस हिरासत में भेजे गए 4 आरोपी

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के अस्पताल में लगी आग के सिलसिले में स्थानीय अदालत ने एक महिला मेडिकल अधिकारी और तीन स्टाफ नर्स को 12 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

10:33 AM Nov 11, 2021 IST | Desk Team

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के अस्पताल में लगी आग के सिलसिले में स्थानीय अदालत ने एक महिला मेडिकल अधिकारी और तीन स्टाफ नर्स को 12 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

अहमदनगर अस्पताल आग  स्टाफ की लापरवाही ने ली कोविड मरीजों की जान  पुलिस हिरासत में भेजे गए 4 आरोपी
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के अस्पताल में लगी आग के सिलसिले में स्थानीय अदालत ने एक महिला मेडिकल अधिकारी और तीन स्टाफ नर्स को 12 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। आग लगने की इस घटना में 11 मरीज मारे गए थे। डॉक्टर विशाखा शिंदे और नर्सों सपना पठारे, अस्मा शेख और चन्ना अनंत को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 304 (गैर इरादतन हत्या) और 304 ए (लापरवाही से मौत) के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
चारों आरोपियों को 12 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेजा गया 
अहमदनगर के पुलिस अधीक्षक मनोज पाटिल ने बताया, ‘‘चारों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें 12 नवंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया।’’ जिला सदर अस्पताल के आईसीयू में 6 नवंबर को आग लग गयी थी। घटना में कम से कम 11 मरीजों की मौत हो गई थी। राज्य सरकार ने अहमदनगर जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर सुनील पोखरना, मेडिकल अधिकारियों डॉक्टर सुरेश ढाकने, डॉक्टर विशाखा शिंदे और स्टाफ नर्स सपना पठारे को निलंबित कर दिया है जबकि सर्विस नर्सों अस्मा शेख और चन्ना अनंत को सेवा से बर्खास्त कर दिया है।
ड्यूटी छोड़कर ICU के बाहर चाय-नाश्ता कर रहा था अस्पताल का स्टाफ  
अधिकारी ने पहले बताया था कि 6 नवंबर को डॉक्टर शिंदे ड्यूटी पर थीं लेकिन वह समय पर घटना की जानकारी देने में असफल रहीं। पाटिल ने पहले बताया था कि जांच में सामने आया है कि आग लगने के वक्त तीन स्टाफ नर्सें आईसीयू के बाहर थीं। उन्होंने बताया कि तीनों को आईसीयू से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जा रहा है कि स्टाफ के सभी लोग घटना के वक्त बाहर चाय-नाश्ता कर रहे थे और वापस लौटे ही नहीं। पुलिस के मुताबिक अगर अस्पताल का स्टाफ घटनास्थल पर आ जाता तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
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