किसानों के हित में नाबार्ड से अधिकतम मदद लेगी योगी सरकार, बुनियादी सुविधाएं देने पर बढ़ेगा जोर
मुख्यमंत्री ने नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) के चेयरमैन डॉ. गोविंद राजुला चिंतला से मुलाकात के दौरान इस बाबत गंभीर चर्चा की।
02:35 PM Dec 22, 2020 IST | Ujjwal Jain
उत्तर प्रदेश में किसानों को लेकर सरकार काफी सजग रही है। इसी कारण सत्ता संभालने के बाद पहली कैबिनेट में बदतर वित्तीय हालातों में भी अपने संसाधनों के बूते लघु-सीमांत किसानों को एक लाख रुपए तक का कर्ज माफ कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्रतिबद्धता साबित की थी। तब से लगातार यह क्रम जारी है। यहां तक कि अपनी हाल की मुंबई यात्रा में भी वो किसानों का हित नहीं भूले।
मुख्यमंत्री ने नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) के चेयरमैन डॉ. गोविंद राजुला चिंतला से मुलाकात के दौरान इस बाबत गंभीर चर्चा की। लखनऊ लौटकर भी उन्होंने शासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में इसकी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण सड़कों के निर्माण और कृषि के लिए उपयोगी बुनियादी सुविधाएं (वेयर हाउस, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज आदि) विकसित करने में नाबार्ड से अधिकतम सहयोग लिया जाए। उन्होंने एपीसी (कृषि उत्पादन आयुक्त) को इस बाबत कार्ययोजना तैयार करने के भी निर्देश दिये।
मालूम हो कि हाल ही में मुंबई यात्रा के दौरान नाबार्ड के चैयरमैन डॉ. गोविंद राजुला चिंतला ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। सीएम ने उनसे कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ के नारे को साकार करने के लिए नाबार्ड वर्षों से लंबित सरयू नहर और अर्जुन सहायक नहरों जैसी परियोजनाओं को फाइनेंस करे। इससे पूर्वांचल और मध्य उप्र के कई जिलों के लाखों किसानों को लाभ होगा। मुख्यमंत्री के सुझाव पर ही बैंक के चेयरमैन ने प्रदेश की चीनी मिलों को एथनॉल बनाने के लिहाज से अपग्रेडेशन, क्रशर इकाइयों, कृषि उत्पादों से जुड़ी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग एमएसएमई इकाइयों और डेयरी उद्योग को भी मदद करने का भरोसा दिया।
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया था कि यूपी में चीनी का उत्पादन हमारी खपत का दोगुना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चीनी के दाम कम हैं। ऐसे में सरकार की फेडरेशन और कोआपरेटिव की चीनी मिलों को अपग्रेड कर एथनॉल प्लांट लगाना चाहते हैं।
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