W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

योगी सरकार का संकल्प, 2027 तक बाल श्रम मुक्त बनेगा उत्तर प्रदेश

बचपन को शिक्षा और सम्मान: योगी सरकार की योजनाओं का असर

08:16 AM May 20, 2025 IST | IANS

बचपन को शिक्षा और सम्मान: योगी सरकार की योजनाओं का असर

योगी सरकार का संकल्प  2027 तक बाल श्रम मुक्त बनेगा उत्तर प्रदेश

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश को 2027 तक बाल श्रम मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। जागरूकता, शिक्षा और पुनर्वासन के माध्यम से बाल श्रम के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। अब तक 10,336 बाल श्रमिकों की पहचान की गई है और 12,426 बच्चों को शैक्षिक पुनर्वासन मिला है। सरकार ने 1,089 परिवारों को आर्थिक सहायता दी है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बाल श्रम के विरुद्ध निर्णायक अभियान की शुरुआत हो चुकी है। योगी सरकार ने वर्ष 2027 तक प्रदेश को बाल श्रम से पूरी तरह मुक्त करने का लक्ष्य तय करते हुए बहुआयामी योजनाओं को जमीन पर उतार दिया है। जागरूकता से लेकर शिक्षा और पुनर्वासन तक, हर स्तर पर ठोस प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि बचपन को मजबूरी नहीं, अवसर मिल सके। योगी सरकार का यह अभियान अब सिर्फ सरकारी फाइलों तक सीमित नहीं है, बल्कि हर गांव, हर गली तक पहुंच चुका है, जहां बचपन मुस्कुरा रहा है और भविष्य आकार ले रहा है। बाल श्रम की रोकथाम के लिए 12 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के माध्यम से विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने का प्रस्ताव है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया जाएगा कि बच्चों का स्थान केवल स्कूल में है, श्रम में नहीं। इसके लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से समन्वय बनाकर जागरूकता अभियान को धार दी जाएगी।

Yogi सरकार बनाएगी परिषदीय स्कूलों को खेल प्रतिभाओं की नर्सरी

योगी सरकार के प्रयासों से अब तक 10,336 बाल श्रमिकों की पहचान की जा चुकी है। वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक 12,426 बाल श्रमिकों का शैक्षिक पुनर्वासन कराया गया है, ताकि ये बच्चे फिर से विद्यालय में जाकर एक नई शुरुआत कर सकें। यही नहीं, इन बच्चों के परिवारों को भी सरकार ने अकेला नहीं छोड़ा। कुल 1,089 परिवारों को आर्थिक पुनर्वासन के जरिए सहायता दी गई है, ताकि वे मजबूरीवश अपने बच्चों से काम न करवाएं।

यही नहीं, योगी सरकार द्वारा संचालित ‘बाल श्रमिक विद्या योजना’ के अंतर्गत दो हजार कामकाजी बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है और उन्हें आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई, जिससे उनके पढ़ाई के रास्ते में कोई बाधा न आए। यह योजना न केवल शिक्षा को बढ़ावा देती है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण को भी बदलने का काम कर रही है। इसके अलावा, बंधुआ मजदूरी के खिलाफ भी सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक कुल 1,408 बंधुआ श्रमिकों का पुनर्वासन कर उन्हें 1,817.21 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। यह प्रयास उन्हें स्वतंत्र और गरिमामय जीवन की ओर ले जाने में एक बड़ा कदम साबित हो रहा है।

Advertisement
Advertisement W3Schools
Advertisement
×