यू ट्यूबर्स-नैतिकता और मर्यादा
यह हैरानगी की बात है कि यू ट्यूबर्स का दायरा और उसकी धारणाएं बड़ी तेजी से आगे
यह हैरानगी की बात है कि यू ट्यूबर्स का दायरा और उसकी धारणाएं बड़ी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। जमाना टैक्नोलॉजी का है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इनके प्रस्तुतिकरण में मर्यादाएं क्यों तार-तार हो रही हैं? कवरेज की नैतिकता पर सवाल क्यों खड़े किए जा रहे हैं? पत्रकारिता चाहे वह अखबार की हो या टीवी दुनिया की, उन पर लोग भरोसा करते हैं लेकिन मर्यादा ताक पर रखकर अपनी बातें कहना तथा विवाद खड़े करना तो पत्रकारिता नहीं। अपने आपको अलग रखकर यह दावा करना कि हम बोल्ड होकर और फ्रैंकली अपनी बात रख रहे हैं और नैतिकता का तकाजा ही न रहे तो इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। गालियां या सैक्स संबंधी सवाल के उल्लेख को लेकर कुछ यू ट्यूबर्स के विरुद्ध मामले कोर्ट तक पहुंचे लेकिन दु:ख की बात यह है कि ऐसे यू ट्यूबर्स जल्दी लोकप्रियता पाने के लिए क्या अपने देश की सुरक्षा को दांव पर लगा देंगे? यह सचमुच चिंतनीय है। सच्ची खबर और फेक न्यूज तथा व्यूज में भी तो फर्क होता है। विश्वसनीयता तथा प्रमाणिकता भी तो खबर का पैमाना होना ही चाहिए। समाचारों के अनुसार पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा 3 बार पाकिस्तान जा चुकी है तथा उसने अपनी जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड यात्रा की व्यवस्था तथा जानकारियां भी साझा की हैं। उसके कई वीडियो भी वायरल होते रहे। इसका क्या अर्थ निकाला जाए? वह अभी पुलिस रिमांड पर है। पिछले दिनों उत्तर भारत से विशेष रूप से हरियाणा से जिस तरह यू ट्यूबर्स ज्योति मल्होत्रा, देवेंद्र सिंह, तारीफ, अरमान, डाक्टर यात्री, नौमान इलाही के नाम सामने आए यह एक चौंकाने वाली बात है कि पहलगाम जैसा कांड होने के बावजूद इन यू ट्यूबर्स पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप लगे। इसके बारे में जवाब तो समय ही देगा। हालांकि जांच अभी चल रही है लेकिन एक बात बड़ी साफ है कि अपने आपको लोकप्रियता के शिखर पर स्थापित करने के लिए यू ट्यूबर्स ने नैतिकता और मर्यादा का गला घोंट दिया है। रातों-रात स्टार बनने की चाहत बहुत खतरनाक है और मेरा मानना है कि पत्रकारिता एक बहुत ही संवेदनशील मामला है। कांटों की धार पर चलना पड़ता है, अपने सूत्र बनाने पड़ते हैं और राष्ट्रीयता को सर्वोपरि माना जाता है।
मेरा मानना है कि समाचार पत्र हो या विभिन्न टीवी चैनल्स, लोग उन पर भरोसा करते हैं इसीलिए सुबह अखबार पढ़ते हैं और चैनल्स देखते हैं क्योंकि सभी किसी की भी तरह की कवरेज को परखने के बाद ही प्रस्तुत करते हैं। कोई न कोई नियम तो तय होने ही चाहिए। यद्यपि अखबारों और चैनल्स के लिए नियम तय है और सबके सब नैतिकताओं के दायरे में भी बंधे हैं। ऐसा लगता है कि कुछ यू ट्यूबर्स ने नकारात्मकता और गंदी से गंदी बातें तेजी से वायरल करने का ठेका ले रखा है। दु:ख इस बात का है कि गंदी बातें और नकारात्मकता वायरल भी तेजी से हो रही हैं। बिना ज्यादा खर्च किए और गंदी बातें करते हुए अगर कोई यू ट्यूबर्स मिलता है तो मैं समझती हूं कि माता-पिता को बच्चों पर और विशेषकर युवा पीढ़ी पर नजर रखनी होगी। कोई आदमी सांप के दंश की बात करता है चाहे वह एलविश (सांप का जहर बेचने का मामला) हो तो कोई धार्मिक होने के मामले में चीजें भड़काने का काम करता हो, चाहे वह ध्रुव राठी हो, इसी कड़ी में समय रैना, रणवीर इलाहबादिया या पूर्वा मखीजा हो इन सबके मामले में क्या कुछ नहीं हुआ। सोशल मीडिया ही कह रहा है कि सब कुछ नकारात्मकता पर आधारित था और मामला अदालतों तक पहुंचा।
कहने का मतलब यह है कि टैक्नोलॉजी की आड़ में एक नया ग्रुप जो यू ट्यूबर्स का खड़ा हो रहा है उन्हें कोई भी भड़का सकता है। आप किसी भी देश के लोगों से जुड़कर बड़ी व्यापक चैटिंग कर सकते हैं लेकिन पाकिस्तान जैसे देश के लड़के-लड़कियों से चैट करना और किसी भी देश के बॉर्डर पर जाकर अपनी फोटो खींचना और वायरल करना यह सब देश की सुरक्षा से जुड़े पहलू हो सकते हैं। समय-समय पर समाचार पत्रों और चैनल्स के लिए मीडिया गाइडलाइन जारी की जाती है और सब उसका पालन करते हैं लेकिन पाकिस्तान जैसे राष्ट्र या उसके किसी भी संगठन के लोगों से चैट करना यह आपको लोकप्रियता नहीं देगा बल्कि उस रास्ते पर ले जायेगा जहां से आप अपराधी की श्रेणी में खड़े हो सकते हैं। अपने देश की सुरक्षा का ध्यान तो रखना ही होगा।
महज मनोरंजन के लिए छोटे-छोटे बच्चे अपने बोलवचनों से देखने वालों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं, यह चंचलता हो सकती है लेकिन यह भी सच है कि उन्हें लोकप्रिय बनाने के लिए कुछ खास किस्म के माता-पिता का भी हाथ हो सकता है। नई पीढ़ी का नजरिया सस्ती लोकप्रियता और बहुत जल्दी शॉर्टकट रास्ते से कुछ अलग करके दिखाने की हसरत है। यह लोग यू ट्यूबर्स को फॉलो करते हैं और इनके लाखों-करोड़ों फालोवर्स है। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक युवक और युवती अपनी बातें इस तरह से शेयर कर रहे थे कि दो देश लड़ रहे हैं, हम तो एक-दूसरे से प्यार करते हैं, आओ प्यार में एक हो जाएं। कभी मिलकर देखो मजा आ जायेगा। इस तरह की शेयरिंग क्या संदेश देती है? टैक्नोलॉजी के जमाने में नियमों और नैतिकता तथा मर्यादाओं का पालन जरूरी है।