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जरीन हारी, मैरी कॉम ने फिर खुद को साबित किया

मैरी कॉम ने बहुप्रतीक्षित और विवादास्पद मुकाबले में तेलंगाना की निकहत जरीन को 9-1 से हरा कर फरवरी में चीन में होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर का टिकट हासिल कर लिया है।

09:59 AM Dec 29, 2019 IST | Desk Team

मैरी कॉम ने बहुप्रतीक्षित और विवादास्पद मुकाबले में तेलंगाना की निकहत जरीन को 9-1 से हरा कर फरवरी में चीन में होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर का टिकट हासिल कर लिया है।

नई दिल्ली : छह बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक पदक विजेता मैरी कॉम ने बहुप्रतीक्षित और विवादास्पद मुकाबले में तेलंगाना की निकहत जरीन को 9-1 से हरा कर फरवरी में चीन में होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर का टिकट हासिल कर लिया है। ज्ञातव्य हो कि मैरी कॉम की सीधी भागीदारी के विरोध में निकहत ने खेल मंत्री तक गुहार लगाई थी। 
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अंततः बीएफआई को 51 किलो भार वर्ग के साथ चार अन्य भार वर्ग के मुकाबले इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम में आयोजित करने पड़े। लेकिन देश के मुक्केबाजी प्रेमियों की नजरें मेरी-निकहत भिड़ंत पर लगी थीं। ऐसा स्वाभाविक भी था। दस जजों के बेंच ने जब निकहत को हारा हुआ करार दिया तो निकहत के पिता जमील अहमद की पहली प्रतिक्रिया रही कि उनकी बेटी को साजिश का शिकार बनाया गया है। उन्होंने सीधे सीधे बीएफआई पर निशाना साधा और कहा कि नतीजा पहले से तय था। 
मैरी कॉम की बड़ी पहचान, राज्य सभा सांसद होना और फेडरेशन की मिलीभगत के कारण निकहत को हराया गया है। तेलंगाना मुक्केबाजी एसोसिएशन के सह सचिव एपी रेड्डी ने परिणाम पर हैरानी व्यक्त की और कहा कि वह समझ बैठे थे कि निकहत जीत गई है और अब वही क्वालीफायर में जाएगी। उन्होंने नतीजे को लेकर अंतरराष्ट्रीय संस्था आइबा से शिकायत करने एलान भी किया। 
लेकिन भारतीय फ़ेडेरेशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि भारतीय मुक्केबाज़ी में यह बाउट एतिहासिक और पूरी तरह पारदर्शी थी। उनके अनुसार मैरी कॉम बड़ा नाम है और उसने जीत दर्ज कर साबित किया हैकिवह अपने भार वर्ग में श्रेष्ठ है और यही फेडरेशन भी चाहती थी कि सभी भार  वर्गों में चैम्पियन मुक्केबाज भाग लें। 
लेकिन मुक़ाबले के समापन पर जब मैरी कॉम ने निकहत से हाथ नहीं मिलाया और उसके पिता और तेलंगाना के समर्थकों को गुस्से में दुतकारा तो अजय सिंह ने इसे गुस्से में ली गई प्रतिक्रिया बताया और कहा कि दोनों तरफ तनाव था। उनके अनुसार देश के श्रेष्ठ और जानकार रेफरी-जजों को मुकाबले के लिए नियुक्त किया गया था और कुछ भी गलत नहीं हुआ। मैरी कॉम ने जीत के बाद अपने चिर परिचित अंदाज में कहा कि उसने कदम कदम पर कई मुश्किलों का सामना किया और हर बार खुद को साबित भी किया है। 
एक बार फिर उसने निकहत को हरा कर एक और बाधा दूर की है।  उसने प्रतिद्वंद्वी के साथ हाथ नहीं मिलाने के फैसले को सही करार दिया और कहा कि निकहत ने उसे नीचा दिखाने की कोशिश की जिसका जवाब इसी प्रकार दिया जा सकता है। जहां तक दोनों के बीच के मुक़ाबले की बात है तो मैरी कॉम अधिकांश समय सिर्फ बचाव करती नजर आई। अपनी सफाई देते हुए मैरी कॉम ने मीडिया को यहाँ तक कह दिया कि उसने अपना काम कर दिया, आप को जो करना है- लिखना है करें। 
जब कुछ मुक्केबाज़ी एक्सपर्ट्स और जानकारों से बात की गई तो ज्यादातर ने राय व्यक्त करने से इनकार कर दिया।  कुछ एक ने इतना ही कहा आप सब जानते हैं। दिन के अन्य मुकाबलों में साक्षी (57किलो) ने सोनिया लाथेर को, सिमरन (60) नेसारिता देवी को, लॉविना (69) ने ललिता को और पूजा (75) ने नुपुर को परास्त कर ओलंपिक क्वालीफायर में भाग लेने का हक पाया।
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