Zubeen Garg Last Rites: अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव लाया गया Zubeen Garg का पार्थिव शरीर, सिंगर के फैंस का लगा सैलाब
Zubeen Garg Last Rites: भारत के दिग्गज गायक जुबीन गर्ग का बीते दिनों सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान देहांत हो गया था। असम में सैकड़ों की तादाद में लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। बता दें कि सिंगर का गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में दूसरा पोस्टमार्टम पूरा हो गया है। इसकी पुष्टि SDM दिव्या पाटे की ओर से की गई। पोस्टमार्टम AIIMS के डॉक्टरों की मौजूदगी में किया गया। अंतिम संस्कार से पहले गायक के पार्थिव शरीर को अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स लाया गया।
Zubeen Garg Last Rites
अंतिम दर्शन के लिए इंतजार कर रहे लोग
गायक जुबीन गर्ग का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव कैरोलिना में किया जाएगा। यहां उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं। अंतिम संस्कार से पहले लोगों की भीड़ जमा हो गई है। लोग उनकी एक झलक पाने के इंतजार में हैं। सोशल मीडिया पर आई एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कमरकुची, उत्तरी कैरोलिना गांव में जुबीन के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है। यहां श्मशान घाट पर लकड़ियां रखी हैं और आस-पास की जगह को फूलों से सजाया गया है।
सिंगर के फैंस का लगा सैलाब
इससे पहले जुबीन गर्ग का पार्थिव शरीर जब गुवाहाटी पहुंचने वाला था और उनके फैंस अंतिम दर्शन के लिए इंतजार कर रहे थे तो गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भारी भीड़ उमड़ गई। उत्साहित प्रशंसक अचानक नियंत्रण से बाहर हो गए और बैरिकेड्स तोड़ते हुए इमारत की ओर बढ़ने लगे। हालात बिगड़ते देख अफरा-तफरी मच गई।
एक अधिकारी के मुताबिक, हालात काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, क्योंकि आधी रात के बाद जुटी भीड़ ने सुरक्षा बलों द्वारा रोके जाने से पहले दो से अधिक बैरिकेड्स तोड़ डाले थे।
पूरे असम के दिलों की धड़कन कहे जाने वाले जुबीन गर्ग को ‘असम की आवाज’ कहा जाता था। शुक्रवार को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय उन्होंने हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह दिया। बताया जा रहा है कि उन्होंने उस समय लाइफ जैकेट नहीं पहनी हुई थी। उनकी असामयिक मृत्यु ने न सिर्फ असम बल्कि पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है।
कौन हैं Zubeen Garg?
जुबीन गर्ग असम की ब्राह्मण फैमिली में पैदा हुए. मेघालय से आने वाले जुबीन गर्ग का नाम संगीतकार जुबिन मेहता के नाम पर रखा गया। जुबीन को गायन उनकी मां से मिला। उन्होंने तीन साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था. उनकी पहली गुरु उनकी मां ही थीं। फिर उन्होंने कई साल तक तबला सीखा और लंबी ट्रेनिंग ली। उन्होंने अपने करियर में ढेरों गाने गाए और कई ब्लॉकबस्टर ट्रैक दिए. इसी के साथ वह असम के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले सिंगर भी बन गए। जुबिन गर्ग ने अपने करियर में असमी, बंगाली और हिंदी भाषी फिल्मों के साथ म्यूजिक इंडस्ट्री में काम किया। उन्होंने 40 अन्य भाषाओं में भी गाने गाए जिसमें ओड़िया, नेपाली, कन्नड़, संस्कृत, सिंधी, मणिपुरी, खासी और इंग्लिश भाषाएं शामिल रहे।
जुबिन गर्ग 1992 में प्रोफेशनल सिंगर बने थे। उन्होंने असमी एल्बम 'अनामिका' से 1992 में म्यूजिक इंडस्ट्री में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने 1995 में मुंबई का रुख किया और बॉलीवुड में हाथ आजमाया। यहां उन्होंने इंडिपॉप सोलो एल्बम 'चांदनी रात' से डेब्यू किया। इसके बाद उन्होंने 'दिल से', 'डोली सजा के रखना', 'चंदा', 'गद्दार', 'कांटे' जैसी फिल्मों के गानों में अपनी आवाज दी।
बता दें कि जुबीन गर्ग को 2006 में इमरान हाशमी स्टारर फिल्म ‘गैंगस्टर' के गाने 'या अली' से फेम मिला था। उन्हें इसी गाने के लिए साल 2006 में हुए ग्लोबल इंडिया फिल्म अवॉर्ड्स में बेस्ट ब्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड मिला था।