'अगर अमेरिका हमला करता है तो हम...', ईरान ने डोनाल्ड ट्रंप को दे डाली धमकी!
ईरान ने डोनाल्ड ट्रंप को क्यों दी धमकी!
ट्रंप प्रशासन का मानना है कि परमाणु समझौता ईरान के यूरेनियम एनरिचमेंट को रोकने में असफल रहा है और इसलिए वे कड़ा रुख अपना रहे हैं. ईरान के रक्षा मंत्री नसीरज़ादेह ने कहा है कि यदि अमेरिका हमले की पहल करता है, तो वे पूरी हिम्मत से क्षेत्र में मौजूद अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाएंगे.
US-Iran conflict: अमेरिका और ईरान के बीच ओमान की राजधानी मसकत में शुरू हुई परमाणु वार्ता पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कहा है कि उन्हें अब ईरान के साथ किसी समझौते की उम्मीद नहीं रह गई है. वहीं अमेरिका और इजराइल दोनों ही किसी भी कीमत पर ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करने की धमकी भी दी है. ऐसे में ईरान के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका युद्ध की शुरुआत करता है तो ईरान मिडिल ईस्ट में अमेरिकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाएगा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन का मानना है कि परमाणु समझौता ईरान के यूरेनियम एनरिचमेंट को रोकने में असफल रहा है और इसलिए वे कड़ा रुख अपना रहे हैं. ईरान के रक्षा मंत्री नसीरज़ादेह ने कहा है कि यदि अमेरिका हमले की पहल करता है, तो वे पूरी हिम्मत से क्षेत्र में मौजूद अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाएंगे. उनका यह बयान क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरे की ओर इशारा कर रहा है.
पांच दौर की बातचीत में भी नहीं निकला हल
बता दें कि, अप्रैल से अब तक अमेरिका और ईरान के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन किसी भी दौर में कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है. अमेरिकी प्रशासन की मांग है कि ईरान यूरेनियम एनरिचमेंट को पूरी तरह रोक दे, लेकिन तेहरान इस पर सहमति देने से इनकार करता रहा है. ट्रंप प्रशासन ने साफ कहा है कि यदि वे एक उपयुक्त समझौता नहीं कर पाते हैं, तो वे ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर सकते हैं.
अमेरिकी कर्मचारियों की सुरक्षा पर उठे सवाल
इसी बीच इराक में अमेरिकी दूतावास की सुरक्षा को लेकर भी संदेह की स्थिति बनी हुई है. इराकी सरकारी समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास से कर्मचारियों को निकालने के लिए कोई गंभीर खतरा नहीं है.
हालांकि, पहले की रिपोर्ट्स में अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि बढ़ते खतरे को देखते हुए वे अपने कुछ सैन्य परिवारों और कर्मचारियों को क्षेत्र से हटाने पर विचार कर रहे हैं. इस स्थिति ने मिडिल ईस्ट की राजनीतिक और सुरक्षा जटिलताओं को और गहरा कर दिया है.
अमेरिकी कोर्ट के इस फैसले ने मचाई वैश्विक हलचल, तेजी से उछला सोना
क्षेत्रीय संकट की संभावना
मौजूदा तनाव इस बात का संकेत हैं कि यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला, तो क्षेत्र में बड़े स्तर पर संघर्ष भड़क सकता है. ईरान और अमेरिका के बीच यह टकराव न केवल दो देशों के लिए बल्कि पूरे मिडिल ईस्ट क्षेत्र के लिए गंभीर चुनौती बन गया है. अमेरिका और इजराइल की धमकी के कारण ईरान भी अपनी सैन्य ताकत दिखाने की कोशिश कर रहा है, जिससे युद्ध की संभावना बढ़ती जा रही है. ऐसे में क्षेत्रीय देशों को भी इस तनाव का असर झेलना पड़ सकता है.