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इंडियन इंकलाब पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू

पान समाज के आरक्षण की लड़ाई में नए युग की शुरुआत

04:43 AM Apr 28, 2025 IST | Vikas Julana

पान समाज के आरक्षण की लड़ाई में नए युग की शुरुआत

ए एन सिन्हा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल इंस्टिट्यूट में अखिल भारतीय पान महासंघ द्वारा 13 अप्रैल को गांधी मैदान में आयोजित पान महारैली की समीक्षा और इंडियन इंकलाब पार्टी की भावी रणनीति तय करने हेतु बैठक बुलाई गई। बैठक में महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर आई. पी. गुप्ता ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि 13 अप्रैल को हमने एक नए पान युग की नींव रखी है। बदले हुये राजनीतिक परिदृश्य में पान समाज को सशक्त करने के लिए दैनिक जीवन की चर्चाओं में जागरूकता और संघर्ष के मुद्दों को शामिल करने की जरूरत है।

बैठक के मुख्य निर्णयों में इंडियन इंकलाब पार्टी का आधिकारिक सदस्यता अभियान का शुभारंभ है। इसका लक्ष्य आगामी एक से तीन महीनों में 1 करोड़ सदस्यों को जोड़ना है। यह अभियान पूरे बिहार समेत देश के अन्य हिस्सों में भी चलाया जाएगा। इंजीनियर आई. पी. गुप्ता ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी पहली और सर्वोच्च प्राथमिकता है आरक्षण की वापसी है।। कोई भी राजनीतिक पार्टी जो हमारे इस मुख्य मुद्दे को समर्थन और अपने घोषणा पत्र में स्थान देने के लिए तैयार होगी, उसी के साथ आगे की बातचीत संभव होगी।

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उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘जन सुराज’ जैसे किसी भी समूह के साथ गठबंधन का प्रश्न ही नहीं उठता। केवल वही पार्टी जो “आरक्षण वापसी” के स्पष्ट रोडमैप पर सहमति देगी, उसे समर्थन या गठबंधन पर विचार किया जाएगा। इंजीनियर गुप्ता ने दोहराया कि इंडियन इंकलाब पार्टी ‘जात से जमात’ की ओर बढ़ रही है। पार्टी सभी वर्गों को जोड़कर आरक्षण के अधिकार की लड़ाई को मजबूती देगी।

उन्होंने पान समाज के युवाओं से आह्वान किया कि वे आगे आकर न केवल आईएएस-आईपीएस बनें, बल्कि विधायक, मुखिया और समाज के हर स्तर पर नेतृत्व करें। “अब बसों, दुकानों, चाय-पान ठेलों पर पुरानी बातों को छोड़कर नए पान युग और अधिकारों की चर्चा करें,” — उन्होंने भावुक होकर कहा कि मैं अपने जीवन को व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए नहीं जी रहा हूँ। मेरा अंतिम लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ पान समाज के आरक्षण अधिकार को वापस दिलाना है। जब तक यह लक्ष्य पूरा नहीं होगा, मैं संघर्ष से पीछे नहीं हटूँगा।

बैठक में सभी जिला अध्यक्षों और संगठन के पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया गया और एकजुट होकर अगले एक महीने के भीतर सदस्यता लक्ष्य को पूरा करने का संकल्प लिया गया। आने वाले समय में यह अभियान बिहार सहित पूरे देश में सामाजिक और राजनीतिक बदलाव की दिशा तय करेगा।

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