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कैंसर की वैक्सीन, रूस को बधाई

दुनिया में सबसे घातक बीमारी कैंसर को माना गया…

11:08 AM Dec 21, 2024 IST | Kiran Chopra

दुनिया में सबसे घातक बीमारी कैंसर को माना गया…

कैंसर की वैक्सीन  रूस को बधाई

दुनिया में सबसे घातक बीमारी कैंसर को माना गया है और अगर डब्ल्यूएचओ अर्थात विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2022 की रिपोर्ट को देखा जाये तो उसके अनुसार दुनिया में दो करोड़ से ज्यादा लोग उस वर्ष कैंसर का शिकार हुए और उनमें से 99 लाख लोगों की मौत कैंसर से ही हुई। अब इस कैंसर के खिलाफ युद्ध में रूस की महाविजय की खबर आई है। रिपोर्ट के अनुसार चार दिन पहले रूस ने ऐलान कर दिया कि उसने कैंसर की पहली वैक्सीन तैयार कर ली है। इस घोषणा का जितना स्वागत किया जाये वह कम है। अब करोड़ों लोग कैंसर की मौत से मर नहीं पायेंगे और एक वैक्सीनेशन से उन्हें जिंदगी मिल जायेगी। खुशी की बात यह है कि खुद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने ऐलान किया है कि पूरी दुनिया में कैंसर के मरीजों को यह वैक्सीन मुफ्त बांटी जायेगी और इसे 2025 में लांच कर दिया जायेगा। रूस की यह जीत मानवता को समर्पित की जानी चाहिए क्योंकि मुझे याद है कि वर्ष 2024 के जुलाई में उन्होंने कहा था कि हमारा देश कैंसर के खिलाफ युद्ध में वैक्सीन बनाने के बहुत करीब पहुंच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक जितना मैंने पढ़ा और समझा उसका सार यह है कि वैक्सीन का प्री क्लीनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है और कैंसर फैलाने वाले ट्यूमर के विकास तथा फैलाने वाले तंत्र को वैक्सीनेशन रोक देगा। यानी की शरीर में कैंसर का पता चलते ही वैक्सीन लगेगी और यह आगे फैल नहीं पायेगा। यह इस सदी में मेडिकल जगत की सबसे बड़ी खोज मानी जा रही है। इसके लिए रूस को और उसके डाक्टरों और वैज्ञानिकों की टीम को बहुत-बहुत बधाई। मेरे दिल में बार-बार यह सवाल उठता रहा है कि विज्ञान के इतनी तरक्की कर लिए जाने के बावजूद कैंसर का टीका अब तक ईजाद क्यों नहीं कर पाए थे। हमारे वैज्ञानिक निश्चित रूप से सक्रिय रहे होंगे, पर जो काम रूस ने कर दिखाया है, वह बधाई का पात्र है। जो लोग कैंसर से पीड़ित हैं उनके लिए यह वैक्सीन जिन्दगी की नई किरण लेकर आई है। सारी दुनिया के हर राष्ट्र को जो मैडिकल जगत में इस रिसर्च में लगा है, अब आगे बढ़े व रूस के साथ मिलकर चलें तो पूरी दुनिया से एक दिन कैंसर की भी कोरोना की तरह विदाई हो जाएगी।

आज की तारीख में जो कैंसर स्टडी एजेंसी है उनकी रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में हर छठा व्यक्ति कैंसर से पीडि़त है। पुरुषों के मामले में हर दसवां व्यक्ति तथा महिलाओं के मामले में भी हर आठवीं महिला कैंसर से पीडि़त है। दुनिया के कैंसर रोगियों पर रिसर्च रिपाेर्ट सचमुच डाराने वाली है और यह रिपोर्ट बताती है कि 2050 आते-आते कैंसर रोगियों की संख्या लगभग चार करोड़ तक पहुंच जायेगी। यूं तो तरह-तरह के कैंसर हैं जिनमें लंग्ज, चैस्ट कैंसर भी तेजी से फैल रहा है। इसके अलावा महिलाओंं में ब्रेस्ट कैंसर और पुरुषों में ओरल कैंसर भी फैल रहा है। कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो तो उसका फैलाव बहुत तेज गति से पूरे शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को कमजोर कर देता है। यद्यपि हमारे यहां और अमरीका, ब्रिटेन के अस्पतालों में मरीज के ऑपरेशन और उसके बाद कीमोथैरेपी की जाती है लेकिन यह सिस्टम बहुत लंबा और रोगी को पीड़ा देने वाला होता है। इसके साइड इफेक्ट भी ज्यादा है ऐसे में अगर कैंसर वैक्सीन कैंसर को फैलाने वाले उस सेल की पहचान के बाद वैक्सीन अपना काम शुरू कर देती है तो सचमुच यह एक सफल खोज होगी।

मेरा व्यक्तिगत तौर पर यही मानना है कि अमीर या गरीब कोई भी हो लेकिन प्राइवेट या सरकारी अस्पतालों में बीमारी के खिलाफ लड़ने के लिए टीकाकरण जरूरी है। रूस का यह ऐलान स्वागत योग्य है कि यह मुफ्त बांटी जायेगी। मैं समझती हूं कोरोना महामारी के दौरान जैसे भारत ने देश के अलावा कई छोटे राष्ट्रों के यहां निशुल्क वैक्सीन शुलभ कराई थी तो इस दिशा में रूस का यह प्रयास भी सराहनीय है। मैं कोई सवाल नहीं खड़ा कर रही लेकिन एक उम्मीद जाहिर कर रही हूं कि इतने ज्यादा संख्या वाले रोगियों के मामले में रूस को इस वैक्सीन को करोड़ों में तैयार करने के लिए अपने सिस्टम को और तेज करना होगा तथा अगर इस कड़ी में भारत जैसे देश को वह अपना साथी भी बना लें बल्कि और कई देशों के साथ भी हाथ मिलाकर कैंसर के खात्मे के लिए एक विश्वव्यापी अभियान भी छेड़ दें तो पूरी दुनिया मानवता पर कैंसर के हमले के खिलाफ युद्ध में डट जायेगी और उसे हराकर ही दम लेगी। यद्यपि जो लोग कैंसर का शिकार हुए वे अपने परिवारों के सहयोग से कैंसर से लड़ते रहे लेकिन अब जबकि वैक्सीन तैयार हो गई है तो दुनियाभर में एक मुहिम चलाने का समय आ गया है। बड़े देशों को आपसी हित छोड़कर इस दिशा में आगे बढ़ना होगा और आज की तारीख में भारत जैसे देश में कैंसर के ऑपरेशन, कीमो यहां तक कि रजिस्ट्रेशन तक के लिए साल-साल बाद की तारीख मिल रही है तो वहां रूस की साझेदारी और मार्गदर्शन और भी महत्वपूर्ण बन जाता है। आइये कैंसर के खिलाफ वैक्सीन तैयार हो जाने की सदी की एक सबसे बड़ी खोज का स्वागत करें और रूस को नये साल में शीघ्र अतिशीघ्र लांच करने के ऐलान का भी स्वागत करें।

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Kiran Chopra

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