'ग्रे लिस्ट' में जा सकता है पाकिस्तान! FATF ने पहलगाम आतंकी हमले पर लगाई लताड़
एक बार फिर ‘ग्रे लिस्ट’ में जा सकता है पाकिस्तान!
एफएटीएफ ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार के हमले बिना मजबूत फाइनेंशियल हेल्प और नेटवर्क के संभव नहीं होते. इससे यह साफ संकेत मिलता है कि एफएटीएफ की नजरें पाकिस्तान पर हैं.
Pakistan News: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों को लेकर एक बार फिर वैश्विक मंच पर सवाल उठने लगे हैं. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने इस हमले की कड़ी आलोचना की है. एफएटीएफ ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार के हमले बिना मजबूत फाइनेंशियल हेल्प और नेटवर्क के संभव नहीं होते. इससे यह साफ संकेत मिलता है कि एफएटीएफ की नजरें पाकिस्तान पर हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था. इस जघन्य घटना में 26 निर्दोष लोगों की मौत हुई थी. जांच में यह बात सामने आई कि इस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ था. हमले के 55 दिन बाद एफएटीएफ ने इस विषय में एक औपचारिक बयान जारी कर कहा कि इस तरह की घटनाएं बिना अंतरराष्ट्रीय फंडिंग नेटवर्क और योजनाबद्ध तरीके से सहायता के संभव नहीं हैं.
भारत का कड़ा रुख और डोजियर की तैयारी
भारत सरकार इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती से उठाने की तैयारी में है. सूत्रों के मुताबिक, भारत एफएटीएफ के आगामी सत्र से पहले एक विस्तृत डोजियर तैयार कर रहा है, जिसमें यह दिखाया जाएगा कि पाकिस्तान किस प्रकार से आतंकी संगठनों को आर्थिक सहायता दे रहा है और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों में शामिल है. यह डोजियर एफएटीएफ को यह समझाने के लिए होगा कि पाकिस्तान फिर से ‘ग्रे लिस्ट’ में डाले जाने के योग्य है.
FATF की आगामी बैठक
एफएटीएफ की अगली बैठकें 25 अगस्त (एशिया-प्रशांत समूह) और 20 अक्टूबर (कार्य समूह) को निर्धारित हैं. इन बैठकों में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों और डोजियर को गंभीरता से लिया जा सकता है.
इससे पहले पाकिस्तान वर्ष 2018 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में डाला गया था, जब उस पर मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण के मामलों में गंभीर चूकें पाई गई थीं. 2022 में कुछ सुधारों के बाद उसे ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया गया था.
FATF की प्रक्रिया और भारत की रणनीति
एफएटीएफ साल में तीन बार बैठक करता है – फरवरी, जून और अक्टूबर में. भारत सरकार की योजना है कि आगामी बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ मजबूत और सुसंगत तर्क प्रस्तुत किए जाएं.
इसके लिए भारतीय एजेंसियां एफएटीएफ के मानदंडों के आधार पर सबूत इकट्ठा कर रही हैं ताकि यह साबित किया जा सके कि पाकिस्तान अब भी आतंकी वित्तपोषण में लिप्त है और एफएटीएफ के नियमों का उल्लंघन कर रहा है.
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