नहीं होगी पाकिस्तान से बात, सिंधु जल संधि फिलहाल स्थगित: MEA प्रवक्ता
आतंकवाद के कारण सिंधु जल संधि स्थगित
भारत ने स्पष्ट किया कि सिंधु जल संधि पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने तक स्थगित रहेगी। विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री शरीफ़ की बातचीत की इच्छा पर यह प्रतिक्रिया दी।
भारत ने गुरुवार को दो टूक शब्दों में स्पष्ट कर दिया कि सिंधु जल संधि तब तक प्रभाव में नहीं लाई जाएगी, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह और स्थायी रूप से खत्म नहीं करता। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने यह बयान उस समय दिया जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने सिंधु जल समझौते को लेकर भारत के साथ बातचीत की पेशकश की थी। जायसवाल ने साफ कहा कि भारत की प्राथमिकता अपने नागरिकों की सुरक्षा है और जब तक पाकिस्तान अपनी ज़मीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए होने से नहीं रोकता, तब तक भारत ऐसे किसी समझौते को आगे नहीं बढ़ाएगा। यह बयान एक बार फिर भारत की उस नीति को रेखांकित करता है जिसमें वह स्पष्ट रूप से आतंकवाद और कूटनीति को एक साथ चलने से इनकार करता आया है।
#WATCH | Delhi: MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, “… As far as our engagement with Pakistan is concerned, our stand has been clear. Any engagement has to be bilateral. We would like to reiterate that terrorism and talks cannot go together. They need to hand over to India,… pic.twitter.com/ew2AKiTHZ9
— ANI (@ANI) May 29, 2025
पाकिस्तान के बयान के बाद भारत की प्रतिक्रिया
हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने एक बयान में कहा था कि वे सिंधु जल संधि को लेकर भारत के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। इसी के जवाब में भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जब तक पाकिस्तान अपनी जमीन से चल रहे आतंकवादी ढांचों को खत्म नहीं करता, तब तक किसी भी प्रकार की बातचीत या संधि को दोबारा लागू नहीं किया जाएगा।
MEA का सख्त रुख
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा,”जहां तक सिंधु जल संधि का सवाल है, यह तब तक निलंबन में रहेगी जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय तरीके से सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करना बंद नहीं करता।” यह बयान इस बात का संकेत है कि भारत अब केवल बयानों से संतुष्ट नहीं होगा, बल्कि वह ठोस कार्रवाई की मांग करता है।
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भारत का रुख क्यों है सख्त?
भारत लंबे समय से पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का शिकार रहा है। उरी, पठानकोट, पुलवामा जैसे हमलों के बाद भारत ने कई बार पाकिस्तान को चेतावनी दी है। अब सिंधु जल संधि जैसी अहम समझौतों पर भी भारत सख्ती दिखा रहा है। यह रुख दर्शाता है कि भारत अब रणनीतिक संसाधनों को भी कूटनीतिक दबाव के रूप में इस्तेमाल करने को तैयार है।