नाशिक में अवैध दरगाह हटाने गई पुलिस पर पथराव, छोड़े गए आंसू गैस के गोले
नाशिक में अवैध दरगाह हटाने पर पुलिस पर पथराव, इलाके में तनाव
नाशिक में नगर निगम की टीम और पुलिस बल ने अवैध सातपीर दरगाह को हटाने की कोशिश की, जिस पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया। पुलिस ने जवाब में आंसू गैस के गोले छोड़े। इलाके में तनावपूर्ण माहौल के चलते भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
महाराष्ट्र के नाशिक में बीती रात को बवाल मच गया, जब नगर निगम की टीम और पुलिस बल अवैध दरगाह हटाने के लिए गए। नाशिक के काठे गली क्षेत्र में नगर निगम की टीम और पुलिस बल अनधिकृत घोषित की गई सातपीर दरगाह को हटाने के लिए आधी रात को गए। इस कार्रवाई के लिए दूसरे मार्ग पर डायवर्ट कर दिया गया था। लेकिन दरगाह हटाने गई पुलिस पर वहां के लोगों ने उन पर पथराव करना शुरू कर दिया। जिसके जवाब में पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। आज 16 अप्रैल को भी दरगाह की कार्रवाई के लिए इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है। तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए आज पूरे दिन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहेगी।
क्या है पूरा मामला?
नासिक के काठे गली सिग्नल इलाके में सातपीर दरगाह को नगर निगम ने नोटिस जारी किया था। निगम ने कहा था कि 15 दिनों के अंदर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी। नोटिस में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक सातपीर दरगाह अनधिकृत है। यह नोटिस निगम ने दरगाह की दीवार पर लगाया था।
लोगों ने की थी शिकायत
द्वारका इलाके में काठे गली सिग्नल के पास सातपीर दरगाह बनी है। स्थानीय नागरिकों की शिकायत के बाद 23 फरवरी को नासिक नगर निगम के अतिक्रमण विभाग ने इस दरगाह के आसपास से कुछ अतिक्रमण हटाए थे।
बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका
इसके बाद सातपीर दरगाह ट्रस्ट की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि यह दरगाह अनधिकृत है। इसके बाद नगर निगम ने नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर सभी अनाधिकृत निर्माण हटाने के निर्देश दिए। लेकिन बीती रात दरगाह हटाने गई पुलिस और नगर निगम की टीम पर पथराव किया गया। आज इस कार्रवाई को अंजाम दिया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर आज होगी सुनवाई