Top NewsindiaWorldViral News
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabjammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariBusinessHealth & LifestyleVastu TipsViral News
Advertisement

बिहार में 800 एकड़ अवैध अफीम की फसल नष्ट, प्रशासन की सख्त कार्रवाई

800 एकड़ अवैध अफीम की फसल नष्ट, बिहार प्रशासन की सख्ती

09:40 AM Apr 20, 2025 IST | Aishwarya Raj

800 एकड़ अवैध अफीम की फसल नष्ट, बिहार प्रशासन की सख्ती

बिहार में पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने अफीम की अवैध खेती के खिलाफ बड़ा अभियान चलाते हुए 800 एकड़ से अधिक फसल नष्ट की। ड्रोन और सेटेलाइट इमेजरी की मदद से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की पहचान की गई। इस कार्रवाई में 146 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और आरोपियों की तलाश जारी है।लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों में फैली इस अवैध अर्थव्यवस्था को पूरी तरह समाप्त करने के लिए निरंतर निगरानी और वैकल्पिक आजीविका के विकल्पों की जरूरत होगी।

बिहार में अफीम की अवैध खेती के खिलाफ पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने बड़ा अभियान चलाते हुए 800 एकड़ से अधिक इलाके में फैली फसल को नष्ट कर दिया है। इस कार्रवाई में ड्रोन और सेटेलाइट इमेजरी की मदद ली गई, जिसके जरिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थित खेतों की पहचान की गई। आंकड़ों के अनुसार, 790.5 एकड़ में फैली अफीम और 21.54 एकड़ में भांग की अवैध फसल नष्ट की गई। इस अभियान के तहत 146 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और आरोपियों की तलाश जारी है। यह कार्रवाई नक्सलियों के कमजोर होते प्रभाव का भी संकेत देती है, क्योंकि अब पहले जैसे खुले तौर पर अफीम की खेती नहीं हो पा रही।

छह महीने में चला सबसे बड़ा संयुक्त ऑपरेशन

आर्थिक अपराध इकाई (EoU), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलों ने बीते छह महीनों में इस संयुक्त ऑपरेशन को अंजाम दिया। मुख्य रूप से गया के चकरबंधा और धनगई इलाके, औरंगाबाद के कुछ हिस्सों में यह कार्रवाई की गई। इन इलाकों में अब पहले से बेहतर सुरक्षा, संचार और गश्त के कारण अफीम जैसी अवैध गतिविधियों में भारी कमी आई है।

नक्सल प्रभावित इलाकों में भी मिल रहा जनसहयोग

बिहार पुलिस के अनुसार अब नक्सलियों का प्रभाव सीमित हो गया है और उत्तरी बिहार को पहले ही नक्सल मुक्त घोषित किया जा चुका है। दक्षिणी बिहार के झारखंड सीमा से लगे जंगलों में ही अब कुछ असर बाकी है। इस बार की कार्रवाई में स्थानीय लोगों का सहयोग भी उल्लेखनीय रहा, जिन्होंने पुलिस को इन अवैध गतिविधियों की जानकारी दी। अधिकारियों का दावा है कि अगर यही रफ्तार रही, तो आने वाले दिनों में नक्सलियों और अफीम की खेती—दोनों का सफाया संभव है।

MP drug जब्ती मामला पुलिस की पूछताछ से बचने के लिए आरोपी ने खुद को पैर में मारी गोली

सख्ती के बावजूद फिर भी बनी हुई है चुनौती

हालांकि यह कार्रवाई बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों में फैली इस अवैध अर्थव्यवस्था को पूरी तरह समाप्त करने के लिए निरंतर निगरानी और वैकल्पिक आजीविका के विकल्पों की जरूरत होगी। वरना यह समस्या दोबारा सिर उठा सकती है।

Advertisement
Advertisement
Next Article