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बिहार में आयुष्मान योजना से इलाज कराकर खुश हुए मोतिहारी के मरीज

आयुष्मान योजना से मोतिहारी के मरीजों को मिली राहत

04:39 AM Jun 03, 2025 IST | IANS

आयुष्मान योजना से मोतिहारी के मरीजों को मिली राहत

बिहार में आयुष्मान योजना से इलाज कराकर खुश हुए मोतिहारी के मरीज

बिहार के मोतिहारी में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से मरीजों को राहत मिली है। कई मरीजों ने इस योजना के तहत निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज प्राप्त किया। हार्निया और एपेंडिक्स जैसी बीमारियों का ऑपरेशन हुआ। मरीजों और उनके परिवारवालों ने सरकार की प्रशंसा की, जिससे इलाज की आर्थिक चिंता कम हो गई।

केंद्र सरकार की तरफ से आम जनमानस को ध्यान में रखकर कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) इसी में से एक है, जिसके लाभार्थियों को इलाज के लिए आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है। पीएम-जेएवाई से बिहार के मोतिहारी के निवासी भी लाभान्वित हो रहे हैं।

मोतिहारी के निजी अस्पताल में इलाज करा रहे विभिन्न मरीजों ने सरकार की तारीफ की। उनका ऑपरेशन प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत हुआ है। इनमें कुछ मरीजों का हार्निया तो कुछ के एपेंडिक्स जैसी बीमारी का ऑपरेशन हुआ है। मरीज और उनके परिवारवालों ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए इस योजना के लिए सरकार की प्रशंसा की।

लाभार्थी वीरेंद्र शाह ने कहा, “यह योजना काफी लाभदायक है, क्योंकि अब बीमारी का इलाज कराना काफी आसान हो गया है। मरीजों को खर्च की चिंता नहीं रहती है।” प्रेम कुमार ने बताया, “अगर सरकार द्वारा यह योजना नहीं लाई गई होती तो हम जैसे गरीबों को या तो जेवर गिरवी रखने पड़ते या फिर जमीन बेचकर पैसे जुटाने पड़ते, लेकिन अब सरकार के आयुष्मान कार्ड की बदौलत बिना एक रुपया दिए ही इलाज हो रहा है।”

एक महिला लाभार्थी संगीता कुमारी ने कहा, “हमने बहुत पहले ही आयुष्मान कार्ड बनवा लिया था, जब पता चला कि मोतिहारी के इस अस्पताल में इस योजना के तहत इलाज किया जा रहा है, तो हम यहां पर आए। इसके लिए सरकार को तहे दिल से धन्यवाद।”

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मरीजों का इलाज करने वाले शहर के चिकित्सक डॉ. अजय वर्मा ने पीएम-जेएवाई की तारीफ की। उन्होंने कहा, “पहले किसान या गरीब लोगों को अगर कोई बड़ी बीमारी होती थी और इलाज कराना होता था, तो खेत बेचकर या जेवर गिरवी रखकर इलाज कराने आना पड़ता था।

लेकिन, पीएम-जेएवाई लोगों को नया जीवन देने का काम कर रहा है। लोग अब बिना पैसे दिए अस्पताल में आते हैं और इलाज कराकर चले जाते हैं। पहले उन्हें बीमारी और पैसे दोनों की चिंता सताती थी, पर अब ऐसा नहीं होता है।”

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