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IIT Delhi और माइक्रोन टेक्नोलॉजी का सेमीकंडक्टर क्षेत्र में संयुक्त प्रयास

आईआईटी दिल्ली और माइक्रोन टेक्नोलॉजी का साझेदारी से नवाचार को बढ़ावा

04:23 AM Apr 16, 2025 IST | IANS

आईआईटी दिल्ली और माइक्रोन टेक्नोलॉजी का साझेदारी से नवाचार को बढ़ावा

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में शोध को गति देने के लिए एक नई पहल की है। इसके लिए आईआईटी दिल्ली ने माइक्रोन टेक्नोलॉजी के साथ एक साझेदारी की है।

आईआईटी दिल्ली की इस साझेदारी का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक मटेरियल्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित अनुसंधान को बढ़ावा देना है। यह सहयोग शैक्षणिक और औद्योगिक जगत के बीच के संबंधों को और मजबूत करेगा। साथ ही यहां नवाचार और अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से सेमीकंडक्टर क्षेत्र की जटिल चुनौतियों का समाधान ढूंढने का कार्य किया जाएगा।

आईआईटी दिल्ली ने यह पहल अपने कॉरपोरेट रिलेशंस कार्यालय के माध्यम से की है। आईआईटी दिल्ली का कहना है कि इस संयुक्त शोध का उद्देश्य सेमीकंडक्टर उपकरणों की विश्वसनीयता और प्रदर्शन को बेहतर बनाना है। इस परियोजना का नेतृत्व आईआईटी दिल्ली के एप्लाइड मैकेनिक्स विभाग से प्रोफेसर सौविक चक्रवर्ती, प्रोफेसर ऋत्विक बंद्योपाध्याय और प्रोफेसर एमडी रश्दी इब्ने इस्लाम करेंगे।

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इस सहयोग पर बोलते हुए आईआईटी दिल्ली की डीन, प्रोफेसर प्रीति रंजन पांडा ने कहा, ”आईआईटी दिल्ली में हम ऐसे उद्योग-अकादमिक सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं, जो प्रभावशाली अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाते हैं। माइक्रोन टेक्नोलॉजी के साथ हमारी साझेदारी अकादमिक गहराई और औद्योगिक विशेषज्ञता का संगम है। यह साझेदारी इलेक्ट्रॉनिक मटेरियल्स और एआई-आधारित मॉडलिंग में प्रगति लाने के साथ-साथ सेमीकंडक्टर उद्योग की महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करेगी।”

माइक्रोन टेक्नोलॉजी में प्रिंसिपल फेलो एवं वाइस प्रेसिडेंट और आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र डॉ. गुर्तेज एस. संधू का कहना है कि आईआईटी दिल्ली के साथ माइक्रोन की यह साझेदारी अत्याधुनिक एआई मॉडल्स और क्रिस्टल प्लास्टिसिटी फ्रेमवर्क विकसित करने में संयुक्त कोशिशों को गति देगी।

उन्होंने कहा कि इससे नवाचार और सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी के भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और मजबूत होगी। आईआईटी दिल्ली का मानना है कि माइक्रोन टेक्नोलॉजी के साथ उनका यह गठजोड़ प्रौद्योगिकी-आधारित अनुसंधान को एक नई दिशा देने वाला एक सशक्त कदम है। यह नवाचार की एक जीवंत संस्कृति को बढ़ावा देगा। साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि शिक्षा और उद्योग मिलकर जटिल और वास्तविक समस्याओं का समाधान करें।

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