editorial
परिवारवाद में फंसी राजनीति
<p>स्वतन्त्र भारत में जब संविधान ने संसदीय लोकतन्त्र को अपनाते हुए बिना किसी भेदभाव के भारत की धरती पर रहने वाले प्रत्येक वयस्क महिला व पुरुष नागरिक को सरकार चुनने के लिए एक वोट के अधिकार से सम्पन्न किया तो सदियों से चली आ रही सामन्ती व राजतन्त्रीय व्यवस्था के मृत्यु प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर कर दिये और पूरी दुनिया में ऐलान किया</p>03:01 AM Mar 13, 2022 IST