editorial
कहीं खुशी कहीं गम जिंदगी के रंग
<p>जिन बुजुगों को मैं इतने सालों से संभाल रही थी उनकी ख़ुशी का कारण थी। आज वो मेरे लिए मजबूत सहारा बने जिन्होंने मुझे उत्साहित किया कि आप ही कहती थी शो मस्ट गो ऑन अब आप उठो हमारे लिए शो ऑन रखो न चाहते हुए भी अपने वादे पर उतरना पड़ा तो कहीं न कहीं मेरा उठने का सहारा बन गए।</p>02:10 AM Sep 30, 2020 IST