editorial
हरिद्वार से उठे हिंसा के उवाच
<p>स्वतन्त्र भारत की सामाजिक व राजनीतिक व्यवस्था में जिस प्रकार प्रत्येक नागरिक को एक इकाई मान कर संवैधानिक अधिकारों से लैस किया गया उसमें धार्मिक आधार पर किसी भी व्यक्ति के साथ किसी प्रकार के भेदभाव की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी गयी</p>02:00 AM Jan 03, 2022 IST