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चेन्नई को आंध्रप्रदेश की कृष्णा नदी से मिलेगा आठ टीएमसी फुट पानी : पलानीस्वामी

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने शनिवार को कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी उनके अनुरोध पर कृष्णा नदी से आठ टीएमसी फुट पानी छोड़ने पर राजी हो गये हैं।

02:28 PM Aug 10, 2019 IST | Shera Rajput

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने शनिवार को कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी उनके अनुरोध पर कृष्णा नदी से आठ टीएमसी फुट पानी छोड़ने पर राजी हो गये हैं।

चेन्नई को आंध्रप्रदेश की कृष्णा नदी से मिलेगा आठ टीएमसी फुट पानी   पलानीस्वामी
कांचीपुरम (तमिलनाडु) : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने शनिवार को कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी उनके अनुरोध पर कृष्णा नदी से आठ टीएमसी फुट पानी छोड़ने पर राजी हो गये हैं। एक टीएमसी फुट पानी 100 करोड़ घन फुट पानी दर्शाता है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पानी से सूखे से परेशान चेन्नई को बहुत राहत मिलेगी और पानी के ‘‘शीघ्र’’ ही पहुंचने की उम्मीद है।
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उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे आप सभी से यह खुशखबरी साझा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि जब पानी यहां पहुंच जायेगा तो चेन्नई के लोगों को निर्बाध एवं स्वच्छ पेयजल मिलेगा।’’
उन्होंने तमिलनाडु का अनुरोध स्वीकार करने के लिए रेड्डी को धन्यवाद दिया।
तमिलनाडु के मंत्रियों एस पी वेलुमणि और डी जयकुमार ने शुक्रवार को विजयवाड़ा में रेड्डी से मुलाकात की थी और उन्हें पलानीस्वामी का एक पत्र सौंपा था। इस पत्र में चेन्नई में पेयजल संकट दूर करने के लिए कृष्णा नदी से पानी तेलुगू गंगा नहर के माध्यम से तत्काल छोड़े जाने का अनुरोध किया गया था।
वेलुमणि ने शुक्रवार को कहा कि आंध्र प्रदेश इससे पहले पानी नहीं छोड़ सका क्योंकि वहां ‘भंडारण की कमी थी’। लेकिन श्रीसेलम बांध में पानी के अच्छे बहाव के चलते अब हालात अनुकूल हैं।
शुक्रवार को रेड्डी के कार्यालय ने कहा था कि उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को तत्काल पानी छोड़ने का निर्देश दिया है।
विजयवाड़ा में आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के बीच हुए समझौते के मुताबिक आंध्र प्रदेश आम तौर पर चेन्नई के लिये दो टीएमसी फुट पानी छोड़ता है।
पांच अगस्त को वेल्लोर में संसदीय चुनाव में अन्नाद्रमुक की हार पर पलानीस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी इसे ‘‘जीत’’ से बढ़कर मान रही है क्योंकि निर्वाचन क्षेत्र के तहत आने वाले छह विधानसभा सीटों में से तीन में उनकी पार्टी ने बढ़त बनाये रखी।
उन्होंने कहा कि द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन ने इससे पहले विश्वास जताया था कि उनकी पार्टी ‘‘लाखों’’ मतों के अंतर जीत दर्ज करेगी लेकिन अंतिम अंतर 8,141 मतों का रहा।
पांच अगस्त को हुए चुनाव की मतगणना शुक्रवार को हुई। इसमें द्रमुक के के. आनंद ने अन्नाद्रमुक की सहयोगी पुथिया निधि काची के ए सी षणमुगम को हराया। षणमुगम ने अन्नाद्रमुक के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा था।
वेल्लोर लोकसभा सीट पर चुनाव तमिलनाडु में 38 अन्य लोकसभा सीटों के साथ 18 अप्रैल को ही होना था लेकिन भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था। आरोप है इस नकदी का इस्तेमाल मतदाताओं को देने के लिये किया जाना था।
द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 18 अप्रैल को हुए चुनाव में 38 में से 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि सत्ताधारी अन्नाद्रमुक एकमात्र तेनी लोकसभा सीट पर विजयी रही थी।
यह पूछे जाने पर कि क्या तीन तलाक और जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को केंद्र द्वारा खत्म करने जैसे मुद्दों से वेल्लोर में अन्नाद्रमुक की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा, पलानीस्वामी ने कहा कि मतदान की प्रक्रिया ‘‘गोपनीय’’ होती है।
वेल्लोर की छह विधानसभा सीटों में से अंबुर और वनियामबाड़ी में मुस्लिमों की तादाद अधिक है। उन्होंने कहा, ‘‘जब मतदान की प्रक्रिया इतनी गोपनीय होती है तो हम कैसे जान सकते हैं कि क्या अल्पसंख्यकों या बहुसंख्यकों ने (किसी खास पार्टी को) मतदान किया है। कोई भी धारणा आधारित सवालों का जवाब नहीं दे सकता।’’
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु एक शांतिपूर्ण राज्य है और ‘‘जाति एवं धर्म’’ से ऊपर है। इसे लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। पलानीस्वामी ने कहा, ‘‘हम सभी तबके के लोगों को एकसमान देखते हैं।’’ निकाय चुनाव के संबंध में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय के चुनाव जल्द होंगे।
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