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'छुट्टी के लिए बॉस के आगे भीख नहीं मांगनी पड़ती ...' भारतीय युवक ने बताया सिंगापुर का जबरदस्त वर्क कल्चर, वीडियो हुआ वायरल

05:17 PM Dec 08, 2025 IST | Bhawana Rawat
 छुट्टी के लिए बॉस के आगे भीख नहीं मांगनी पड़ती      भारतीय युवक ने बताया सिंगापुर का जबरदस्त वर्क कल्चर  वीडियो हुआ वायरल

Indian Man In Singapore: एक भारतीय युवक ने सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिए सिंगापुर और भारत के वर्क कल्चर की तुलना करके बताया है। वह कहता है कि "क्या आपने कभी सोचा है कि छुट्टी लेने जैसी छोटी-सी चीज के लिए भी भारत में लोगों को पूरा ड्रामा करना पड़ता है? सर, तबीयत खराब है…', सर, घर में इमरजेंसी है।" लेकिन सोचिए, एक जगह ऐसी भी है जहां छुट्टी मांगने की जरूरत ही नहीं, बस सूचना दो और चल पड़ो अपनी जिंदगी जीने या अपने जरुरी काम करने। सिंगापुर में काम कर रहे एक भारतीय युवक ने अपनी वीडियो में ऐसा ही सच उजागर किया और इंटरनेट पर बहस छिड़ गई।

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India Singapore Work Culture: युवक ने भारतीय और सिंगापुर के वर्क कल्चर की तुलना की

Indian Man In Singapore
India Singapore Work Culture (Image- Social Media)

सिंगापुर में काम कर रहे एक भारतीय युवक अमन का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। जिसमें युवक ने भारत और सिंगापुर के वर्क कल्चर की तुलना की है। वीडियो में अमन बताता है कि भारत में छुट्टी लेने के लिए भीख मांगनी पड़ती थी, जैसे- “सर तबीयत खराब है, फैमिली इमरजेंसी है। सिर्फ एक दिन की छुट्टी के लिए भी बहाने बनाने पड़ते थे। लेकिन सिंगापुर में ऐसा बिल्कुल नहीं है। वह कहता है 'यहां मैं छुट्टी मांगता नहीं, बस बता देता हूं।'

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इसके अलावा अमन बताता है कि सिंगापुर में शाम के 6 बजे के बाद ऑफिस से कोई कॉल नहीं आता, न काम करने का दबाव रहता है। अमन आगे बताता है कि '6 बजे के बाद मेरा फ़ोन मेरा है, बॉस का नहीं। अगर तुम रात के 8 बजे तक ऑफिस में बैठे हो, तो तुम मेहनती नहीं, बल्कि शोषित हो।'

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Indian Man Viral Post: 'सिंगापुर आने के बाद मेरी सोच बदल गई'

Indian Man In Singapore
Indian Man Viral Post (Image- Social Media)

अमन ने अपनी पोस्ट में लिखा कि सिंगापुर आने के बाद मेरी सोच बदल गई। अब सिंगापुर में छुट्टी लेते समय सफाई देना या झूठ बोलना बंद कर चूका हूं। भारत जैसे टॉक्सिक वर्क कल्चर में लोग यह बताने पर भी मजबूर महसूस करते हैं कि वे काम क्यों कर रहे हैं। आप सहानुभूति की उम्मीद में ज़रूरत से ज़्यादा जानकारी साझा करते हैं। जबकि इसकी जरूरत नहीं होनी चाहिए, अपनी छुट्टी को सही ठहराना बंद करें। एक प्रोफेशनल बनें जो टाइम मैनेज करता हो, न कि एक बच्चा जो छुट्टी मांग रहा हो।

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Bhawana Rawat

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