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भारत के सूर्ययान का पूरा हुआ पृथ्वी का दूसरा चक्कर ! जाने ISRO ने क्या दिया अपडेट?

चंद्रयान-3 कि अपार सफलता के बाद अब भारत सूर्य की ओर बढ़ चला है जी हां 2 सितंबर के दिन इसरो का दूसरा प्रोजेक्ट आदित्य एल 1 श्री हरिकोटा भूमि से सूर्य की ओर रवाना हो चुका था। यह भारत का पहला सौर मिशन है जिसकी सफलता का सबको इंतजार है। इसरो द्वारा आदित्य L1 की कई जानकारियां देश की जनता तक पहुंचाई जा रही है

10:02 AM Sep 05, 2023 IST | Nikita MIshra

चंद्रयान-3 कि अपार सफलता के बाद अब भारत सूर्य की ओर बढ़ चला है जी हां 2 सितंबर के दिन इसरो का दूसरा प्रोजेक्ट आदित्य एल 1 श्री हरिकोटा भूमि से सूर्य की ओर रवाना हो चुका था। यह भारत का पहला सौर मिशन है जिसकी सफलता का सबको इंतजार है। इसरो द्वारा आदित्य L1 की कई जानकारियां देश की जनता तक पहुंचाई जा रही है

भारत के सूर्ययान का पूरा हुआ पृथ्वी का दूसरा चक्कर   जाने isro ने क्या दिया अपडेट
चंद्रयान-3 कि अपार सफलता के बाद अब भारत सूर्य की ओर बढ़ चला है जी हां 2 सितंबर के दिन इसरो का दूसरा प्रोजेक्ट आदित्य एल 1 श्री हरिकोटा भूमि से सूर्य की ओर रवाना हो चुका था। यह भारत का पहला सौर मिशन है जिसकी सफलता का सबको इंतजार है। इसरो द्वारा आदित्य L1 की कई जानकारियां देश की जनता तक पहुंचाई जा रही है, जिसमें से एक जानकारी यह भी है कि आदित्य L1 में पृथ्वी के दूसरे चक्कर को पूरा कर लिया है। जी हां आदित्य L1 ने सूर्य की और एक और कदम बढ़ा लिया।  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा यह जानकारी दी गई है। बता दें की 127 दिनों बाद आदित्य L1 पॉइंट पर पहुंचेगा। इस पॉइंट पर पहुंचने के बाद आदित्य एल-1 वैज्ञानिकों को कई जानकारियां भेजना शुरू कर देगा।
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इसरो ने क्या दी जानकारी?
इसरो ने यह जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक के जरिए दी की आदित्य एल 1 पृथ्वी के दूसरे ऑर्बिट में चक्कर लगा रहा है। इस मिशन ने अपना दूसरा अर्थ बाउंड मैन्युवर पूरा कर लिया है। और आप यह पृथ्वी  का दूसरा चक्कर लगा रहा है। बता दे की इस  ऑपरेशन को इसरो के टेलिमेटरी ट्रैकिंग और कमांड सेंटर द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसरो की जानकारी के मुताबिक आदित्य L 1, 5 सितंबर को सुबह 2 बजकर 45 मिनट पर पृथ्वी के दूसरे ऑर्बिट में प्रवेश कर चुका था। जहां यह नया ऑर्बिट 282 किलोमीटर X 40225 किलोमीटर का है। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि आदित्य L1 की पृथ्वी से न्यूनतम दूरी 282 किलोमीटर है तो वही अधिकतम दूरी 40,225 किलोमीटर है।
जानिए पूरी प्रक्रिया
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दरअसल L1 अंतरिक्ष का पार्किंग स्पेस है जहां कई उपग्रह मौजूद है। वहीं आदित्य-एल 1 धरती से 15 लाख km दूर स्थित इस प्वाइंट से ही सूरज की स्टडी करने वाला है।  आपको बता दें की लन्चिंग के बाद आदित्य एल 1 , 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेगा। बता दे की धरती से सूर्य की दूरी चांद की दूरी से चार गुना है। सबसे पहले आदित्य एल 1  लोअर ऑर्बिट से शुरुआत किया था।  इसके बाद इसे हेलो ऑर्बिट में डाला जाएगा। इस यात्रा में करीबन 109 दिन लगेंगे।
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Nikita MIshra

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