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पंजाब को दहलाने के लिए ‘ड्रोन’ साजिश

ड्रोन एक तरह का रोबोट ही है जिसे इंसानों द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। फ्लाइंग रोबोट को इंसानों ने अपने कामों का सम्पादन करने के ​लिए तैयार किया है। ड्रोन वैसे तो बहुत से कार्य कर सकते हैं लेकिन मुख्य रूप से इसे उस कार्य के लिए ईजाद किया गया

12:51 AM Dec 28, 2020 IST | Aditya Chopra

ड्रोन एक तरह का रोबोट ही है जिसे इंसानों द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। फ्लाइंग रोबोट को इंसानों ने अपने कामों का सम्पादन करने के ​लिए तैयार किया है। ड्रोन वैसे तो बहुत से कार्य कर सकते हैं लेकिन मुख्य रूप से इसे उस कार्य के लिए ईजाद किया गया

पंजाब को दहलाने के लिए ‘ड्रोन’ साजिश
ड्रोन एक तरह का रोबोट ही है जिसे इंसानों द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। फ्लाइंग रोबोट को इंसानों ने अपने कामों का सम्पादन करने के ​लिए तैयार किया है। ड्रोन वैसे तो बहुत से कार्य कर सकते हैं लेकिन मुख्य रूप से इसे उस कार्य के लिए ईजाद किया गया जिसे इंसानों द्वारा स्वयं करने में जान का खतरा हो। ड्रोन को ऐसी स्थिति में इस्तेमाल किया जाता है जो इंसानी पहुंच से परे हो या यूं कहें जोखिम भरा और मुश्किल हो। ड्रोन 24 घंटे निगरानी कर सकते हैं। दिल्ली में किसान आंदोलन की निगरानी के लिए भी ड्रोन उड़ाए जा रहे हैं। ड्रोन कैमरों से लगातार चित्र भेजते हैं। इसीलिए इसे ‘आई ऑफ दी स्काई’ या आसमान की आंख कहा जाता है। आजकल तो फिल्मों की शूटिंग के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। विवाह समारोहों की ​वीडियो बनाने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल हो रहा है। दुनिया भर में पिज्जा डिलीवरी के ​लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाने लगा है। ड्रोन को लेकर नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। इसका दूसरा पहलु यह है कि ड्रोन अब आतंक का नया हथियार बन गया है। आतंक की खेती करने वाले पाकिस्तान ने तो इसे हथियार बनाया ही बल्कि देश के भीतर बैठे आस्तीन के सांपों ने भी इसे अपना हथियार बना लिया है। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। 
खुफिया एजैंसियों ने रिपोर्ट दी है कि पाकिस्तान की खुफिया एजैंसी आईएसआई पंजाब में आतंकी हमले की बड़ी साजिश रच रही है। आईएसआई पंजाब के किसी भी हिस्से में किसी भी समय आतंकी हमला करा सकती है। सीमा सुरक्षा बल और पंजाब पुलिस को नई तरह की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान ने ड्रोन के माध्यम से 11 हैंड ग्रेनेड भेजे थे, जिन्हें सैकेंड लाइन ऑफ डिफेंस पर तैनात पुलिस ने गुरदासपुर की दोरांगला चौकी के निकट बरामद कर लिया गया। बीएसएफ ने पाकिस्तान से आए ड्रोन को मार गिराया था। उसके बाद पंजाब पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी तथा उसने गुरदासपुर में तलाशी अभियान के दौरान एके 47, एक मैगजीन और 30 कारतूस बरामद किए। इसे भी पाकिस्तान ने भेजा था। हथियारों की खेप को रस्सी से बांधकर लकड़ी के फ्रेम में पॉलीथिन से लपेट कर रखा गया था। पिछले बुधवार की रात को सरहद पर घनी धुंध के चलते जीरो विजिबिलटी का फायदा उठाते हुए दो पाकिस्तानी ड्रोनों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की। दोनों की घुसपैठ गुरदासपुर सीमा के पास हुई। बीएसएफ जवानों ने तत्काल कार्रवाई की। बीएसएफ जवानों की फायरिंग के कारण दोनों ड्रोन वापस लौट गए। पाकिस्तान को हाल ही में चीन में बने ड्रोन मिले हैं जो करीब दस किलो तक भार उठाने में सक्षम हैं। इन ड्रोन में नाइट विजन कैमरों की वजह से लाइट की जरूरत नहीं होती।
पंजाब में ऐसे नशा तस्कर भी पकड़े गए हैं जो ड्रोन के जरिये नशे और हथियारों की तस्करी करते थे। इनसे बरामद ड्रोन दिल्ली से खरीदा गया था। वैसे ड्रोन की बिक्री ओलेक्स पर भी हो रही है। पकड़े गए नशा और हथियारों के तस्करों से सुरक्षा एजैंसियों को इनपुट मिले हैं कि आईएसआई ने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को खालिस्तान माड्यूल के लोगों से तालमेल कर पंजाब में धमाके करने का टास्क दिया है। सुरक्षा बलों ने सीमा पर गश्त और निगरानी बढ़ा दी है और पुलिस भी सतर्क है। रोजाना सर्च आपरेशन चलाए जा रहे हैं। पाकिस्तान लगातार ड्रोन के जरिये पंजाब के सीमांत क्षेत्रों में हथियार गिरा रहा है। आतंकी संगठनों के स्लीपर सैल और उनके मददगार आतंकवादियों तक ये हथियार पहुंचा देते हैं। नशीले पदार्थों की खेप भेजकर, उसके जरिये आतंकवादियों के लिए वित्तीय संसाधन जुटाए जाते हैं। पाकिस्तान की सत्ता से जुड़े प्रतिष्ठानों द्वारा पोषित नार्को टेरर मुहिम को ड्रोनों के जरिये अंजाम ​तक पहुंचाया जा रहा है। कोहरे और सर्दियों में ड्रोन की निगरानी करना अपने आप में बड़ी चुनौती है। हाल ही में अमृतसर में एक अन्तर्राष्ट्रीय गिरोह का खुलासा हुआ जो ड्रोन की सप्लाई और निर्माण से जुड़ा हुआ था।
यदि भविष्य में चीन से आयातित आधुनिक ड्रोन पाक द्वारा इस्तेमाल किए जाते रहे तो सुरक्षा बलों के लिए इनका मुकाबला करना आसान नहीं होगा। ड्रोन देश की सुरक्षा के लिए खतरा  बन गए हैं। ड्रोनों के जरिये देश के महत्वपूर्ण और संवेदनशील इलाकों में आतंकी वारदातों को अंजाम दिया जा सकता है। यद्यपि सरकार द्वारा ड्रोनों के पंजीकरण और उन्हें उड़ाने की वैधता के लिए पहल की गई है, परन्तु ड्रग्स तस्कर ड्रोनों का लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं। देश की सुरक्षा के दृष्टिगत ठोस ड्रोन नियामक सिस्टम बनाने और सीमाओं की निगरानी के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है। बीएसएफ और पंजाब पुलिस को ड्रोन की चुनौती का मुकाबला करने के लिए ​शिक्षण देने की जरूरत है। सीमा पर दुश्मनों को  मार भगाया जा सकता है लेकिन पंजाब और जम्मू-कश्मीर की सीमा पर बैठे आस्तीन के सांपों से भी निपटना जरूरी है।
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Aditya Chopra

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