हरतालिका तीज 2022 : व्रत रखते समय भूलकर भी ना करें ये गलती, जाने व्रत के नियम और पूजा विधि
हरतालिका तीज व्रत हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख व्रत है। भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है।
09:11 AM Jul 01, 2022 IST | Desk Team
हरतालिका तीज व्रत हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला एक प्रमुख व्रत है।भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है।मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए किया था। हरतालिका तीज व्रत करने से महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
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हिंदू धर्म में हरतालिका तीज के व्रत का बहुत महत्व है।इस दिन सुहागिनें अपनी पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।ये व्रत रखने से वैवाहिक जीवन में शांति बनी रहती है। हरतालिका तीज के व्रत को पूरे विधि-विधान से सही तरीके के साथ करने पर ही लाभ मिलता है।इतना ही नहीं, ये व्रत कुंवारी कन्याएं भी रख सकती हैं।
हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस बार हरतालिका तीज 30 अगस्त, मंगलवार के दिन मनाई जाएगी।
पूजा विधि
इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव और मां पार्वती की विधिवत्त पूजा की जाती है।बता दें कि हरतालिका तीज प्रदोषकाल में किया जाता है।इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद भगवान शिव और मां पार्वती के समक्ष व्रत का संकल्प लें। इस दिन पूरा दिन निर्जला और निराहार व्रत रखा जाता है।
इस दिन सूर्यास्त के बाद प्रदोषकाल में भगवान शिव और मां पार्वती की रेत से बनी प्रतिमा की पूजा करें।पूजा के समय ऋंगार की सभी वस्तुएं मां पार्वती को अर्पित करें। इस दिन व्रत कथा आदि सुनें और आरती करें।
जो महिलाएं पहली बार हरतालिका तीज का व्रत रखने की सोच रही हैं, ये व्रत एक बार रखने के बाद हर साल रखा जाता है। इसे बीच में छोड़ा नहीं जा सकता।इस व्रत के दौरान विधि-विधान से पूजा-पाठ की जाती है।
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