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Supreme Court का अहम फैसला- सौरव गांगुली और जय शाह BCCI पर रहेंगे कायम

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के संविधान में संशोधन की अनुमति दी जिससे इसके अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह के अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ पीरियड) पर जाए बगैर पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया।

07:11 PM Sep 14, 2022 IST | Desk Team

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के संविधान में संशोधन की अनुमति दी जिससे इसके अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह के अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ पीरियड) पर जाए बगैर पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया।

supreme court का अहम फैसला  सौरव गांगुली और जय शाह bcci पर रहेंगे कायम
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उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के संविधान में संशोधन की अनुमति दी जिससे इसके अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह के अनिवार्य ब्रेक (कूलिंग ऑफ पीरियड) पर जाए बगैर पद पर बने रहने का रास्ता साफ हो गया।न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने कहा कि एक पदाधिकारी का लगातार 12 साल का कार्यकाल हो सकता है जिसमें राज्य संघ में छह साल और बीसीसीआई में छह साल शामिल हैं लेकिन इसके बाद तीन साल के ब्रेक पर जाना होगा।
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पीठ ने कहा, ‘‘ब्रेक की अवधि का उद्देश्य अवांछित एकाधिकार
पीठ ने कहा कि एक पदाधिकारी बीसीसीआई और राज्य संघ दोनों स्तरों पर लगातार दो कार्यकाल के लिए एक विशेष पद पर काम कर सकता है जिसके बाद उसे तीन साल का ब्रेक लेना होगा।पीठ ने कहा, ‘‘ब्रेक की अवधि का उद्देश्य अवांछित एकाधिकार नहीं बनने देना है।’’शीर्ष अदालत का आदेश बोर्ड की उस याचिका पर आया है जिसमें अध्यक्ष गांगुली और सचिव शाह सहित पदाधिकारियों के कार्यकाल से जुड़े संविधान में संशोधन का आग्रह किया गया था। इसमें मांग की गई थी कि पदाधिकारियों के सभी राज्य क्रिकेट संघों और बीसीसीआई में कार्यकाल के बीच अनिवार्य ब्रेक की अवधि को खत्म किया जाए।
BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली और जय शाह पर आया सुप्रीम कोर्ट कै फैसला
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SC द्वारा स्वीकृत बीसीसीआई के संविधान के अनुसार 
बीसीसीआई ने अपने प्रस्तावित संशोधन में अपने पदाधिकारियों के लिए ब्रेक की अवधि को समाप्त करने की मांग की थी जिससे कि गांगुली और शाह संबंधित राज्य क्रिकेट संघों में छह साल पूरे करने के बावजूद अध्यक्ष और सचिव के रूप में पद पर बने रहें।इससे पहले न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अगुवाई वाली समिति ने बीसीसीआई में सुधारों की सिफारिश की थी जिसे शीर्ष अदालत ने स्वीकार किया था।उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत बीसीसीआई के संविधान के अनुसार राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई में तीन-तीन साल के लगातार दो कार्यकाल के बाद किसी भी व्यक्ति का तीन साल के ब्रेक पर जाना अनिवार्य था। गांगुली जहां बंगाल क्रिकेट संघ में पदाधिकारी थे तो वहीं शाह गुजरात क्रिकेट संघ से जुड़े थे।
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