मैट्रिमोनियल एजेंसी को नहीं मिला लड़की के लिए दूल्हा,अब लगा 62000 रुपये का जुर्माना
आजकल के समय कई सारे लोग ऐसे भी हैं जो शादी के लिए मैट्रिमोनियल साइट का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। हाल ही में चंडीगढ़ से एक मामला सामने आया है।
09:42 AM Oct 19, 2019 IST | Desk Team
आजकल के समय कई सारे लोग ऐसे भी हैं जो शादी के लिए मैट्रिमोनियल साइट का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। हाल ही में चंडीगढ़ से एक मामला सामने आया है। दरअसल यहां पर एक मैट्रिमोनियल सर्विस प्रोवाइडर है जिसे एक क्लाइंट की बेटी के लिए दूल्हा नहीं ढूंढ पाना बहुत महंगा पड़ गया है। इस शख्स को अब दूल्हा ना ढूंढ पाने की वजह से 62 हजार रुपए का जुर्माना देना पड़ेगा।
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क्या है पूरा माजारा?
चंडीगढ़ कंज्यूमर फोरम में 6 दिसंबर 2018 के दिन सुरेंद्र पाल सिंह चहल और उनकी पत्नी नरेंद्र कौर चहल ने शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें कहा गया था कि साल 2017 से वो अपनी डॉक्टर बेटी के लिए योग्य दूल्हा ढूंढ रहे थे।
इस बीच इस दम्पति की मुलाकात वेडिंग विश प्राइवेट लिमिटेड से हुई। लड़की मांगलिक थी। इसलिए उन्होंने मैट्रिमोनियल सर्विस प्रोवाइडर से कहा कि वह चंडीगढ़ और आसपास के जाट समुदाय के डॉक्टर लड़कों की प्रोफाइल निकलवा लें जो मांगलिक हो।
चहल परिवार ने 26 सितंबर 2017 के दिन सर्विस एग्रीमेंट किया था। उन्होंने रॉयल पैकेज लिया था। इसके लिए उन्होंने 50 हजार रुपए भी दिए। अब कंज्यूमर फोरम को दी शिकायत में चहल परिवार ने कहा है कि जो प्रोफाइल उन्होंने उपलब्ध करावाई गई थी उनमें से कोई भी वादे के मुताबिक नहीं थे।
मैट्रिमोनियल एजेंसी रही बेकार
चहल परिवार का कहना है कि पहली बात तो मैट्रिमोनियल फर्म दूल्हों के सही प्रोफाइल उपलब्ध कराने में ही नाकाम रही है। इसके साथ उनका इतना ज्यादा समय और बर्बाद हुआ। इनता ही नहीं चहल परिवार ने तो यह भी कहा था कि चंडीगढ़ से 60 किलोमीटर के दायरे में भी वो दूल्हे की तलाश कर सकते हैं। इसके बाद भी मैट्रिमोनियल एजेंसी ने कोई सही प्रोफाइल उपलबध नहीं करवाई।
इतना ही नहीं उपभोक्ता फोरम ने भी मैट्रिमोनियल एजेंसी को क्लाइंट का टाइम वेस्ट करने का दोषी ठहराया है। यहां तक की एजेंसी कई सारे तो दूर की बात बल्कि चहल परिवार की एक शख्स के साथ बातचीत नहीं करवा सकी।
अब वेडिंग विश को सजा के तौर पर क्लाइंट को 50 हजार रुपएय का जुर्माना देना होगा। इसके साथ ही सर्विस चार्ज 9 प्रतिशत अलग से देना होगा। इसके साथ 7 हजार रुपए मुआवजे के जबकि 15 हजार रुपए कानूनी खर्च के भी क्लाइंट को एजेंसी ही भुगतान करेगी।
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