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Ranchi violence: परिजनों का दावा, प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे मारे गए लोग

झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गई ‘‘विवादित टिप्पणी’’ के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से मारे गए दो लोगों के परिवारों ने दावा किया है

08:35 PM Jun 12, 2022 IST | Desk Team

झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गई ‘‘विवादित टिप्पणी’’ के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से मारे गए दो लोगों के परिवारों ने दावा किया है

झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गई ‘‘विवादित टिप्पणी’’ के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से मारे गए दो लोगों के परिवारों ने दावा किया है कि मृतक प्रदर्शनों का हिस्सा नहीं थे। अधिकारियों ने बताया कि रांची में प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों की पहचान मोहम्मद मुदस्सिर आलम उर्फ कैफी और मोहम्मद साहिल के तौर पर की गई है। वहीं, इस घटना में करीब दो दर्जन लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि भाजपा के दो निलंबित पदाधिकारियों द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में शुक्रवार को प्रदर्शन के बाद झड़प हुई जिसमें दो लोग मारे गए।
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हिंदपीढ़ी इलाके में डेली मार्केट के नजदीक रहने वाली मुदस्सिर 
मुदस्सिर के पिता मोहम्मद परवेज आलम ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उनके ‘‘नाबालिग’’ बेटे को गोली कैसे लगी जबकि वह प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था।
रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में डेली मार्केट के नजदीक रहने वाली मुदस्सिर की मां निखत परवीन ने प्रलाप करते हुए ‘कहा, ‘‘क्यों उन्होंने मेरे इकलौते बेटे को मारा?मैं उसके बिना कैसे जिंदा रहूंगी? उसने इसी साल मैट्रिक (10वीं कक्षा) की परीक्षा दी थी और इस सप्ताह उसके नतीजे आने वाले थे।’’मुदस्सिर के चाचा मोहम्मद शाहिद आयूबी ने दावा किया कि वह मुश्किल से 16 साल का था। उन्होंने सरकार से 25 लाख रुपये का मुआजवा और परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
‘‘मुदस्सिर अपने पिता की फल कारोबार में मदद करता था
आयूबी ने कहा, ‘‘मुदस्सिर अपने पिता की फल कारोबार में मदद करता था। अब उसकी मौत हो चुकी है। बुढ़ापे में मेरे भाई और उनकी पत्नी की अब कौन देखभाल करेगा?’’ सरकारी अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के जनसंपर्क अधिकारी डीके सिन्हा ने बताया कि अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक मुदस्सिर की उम्र 22 साल जबकि साहिल की उम्र 24 साल थी। उन्होंने बताया कि दोनों की इलाज के दौरान मौत हुई।व्साहिल के भाई शाकिब अंसारी ने भी दावा किया कि उनका भाई शुक्रवार के विरोध मार्च में शामिल नहीं था। शाकिब ने कहा, ‘‘ मेरा भाई मोहम्मद साहिल जुम्मे की नमाज के बाद कुछ काम से रांची की मुख्य सड़क पर गया था। वह प्रदर्शन का हिस्सा नहीं था, लेकिन उसे गोली लगी और उसकी मौत हो गई।’’
छह थानों में धारा-144
उल्लेखनीय है कि घटना में गंभीर रूप से घायल आठ लोगों का अब भी रिम्स में इलाज चल रहा है। प्रशासन ने रांची जिले के 12 पुलिस थानों में से हिंदपीढी और डेली मार्केट सहित छह थानों में धारा-144 (निषेधाज्ञा) लागू की है। गौरतलब है कि प्रदर्शनकारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा एवं निष्कासित नेता नवीन जिंदल की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई ‘‘ आपत्तिजनक टिप्पणी’’के मामले में गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
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