Ranchi Violence: योगी की राह पर चली सोरेन सरकार, 33 पत्थरबाजों के पोस्टर किए जारी
झारखंड के रांची की पुलिस भी अब योगी की राह चल पड़ी है। पुलिस ने बीते शुक्रवार को हुई हिंसा के वांछितों की तस्वीर को जारी किया है..
06:09 PM Jun 14, 2022 IST | Desk Team
झारखंड के रांची की पुलिस भी अब योगी की राह चल पड़ी है। पुलिस ने बीते शुक्रवार को हुई हिंसा के वांछितों की तस्वीर को जारी किया है। भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के बाद झारखंड की राजधानी रांची समेत अलग-अलग हिस्सों में शुक्रवार 10 जून को हिंसा हुई थी। इस दौरान जमकर पत्थरबाजी, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुए। हालात को देखत हुए प्रशासन ने कर्फ्यू लगाने के साथ ही 11 जून की सुबह 6 बजे तक रांची में सभी इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से सस्पेंड कर दिया था।
इन तस्वीरों के माध्यम से पुलिस जनता से आरोपियों संबंध में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है। रांची में हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जनभर पुलिसकर्मियों सहित 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे। रांची में हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और हजारों लोगों के खिलाफ 25 एफआईआर दर्ज की गई है।
राज्यपाल ने रांची हिंसा पर डीजीपी और वरिष्ठ अधिकारियों से पूछे थे ये सवाल
बता दें कि, झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने रांची में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर सोमवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नीरज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को राजभवन तलब किया था। उन्होंने पूछा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों, रबड़ की गोलियों या आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया और प्रशासन एहतियाती कार्रवाई करने में नाकाम क्यों रहा?
पुलिस महानिदेशक ने राज्यपाल को सूचित किया कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर राजधानी रांची में 10 जून के विरोध-प्रदर्शन के दौरान केवल 150 लोगों के जुटने की उम्मीद थी। हालांकि, हिंसक विरोध में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।
एफआईआर दर्ज की गई हैं? सभी प्रदर्शनकारियों और जो पकड़े गए
राज्यपाल ने यह भी पूछा कि पुलिस अधिकारी और कर्मी हेलमेट और सुरक्षात्मक गियर क्यों नहीं पहने हुए थे। उन्होंने पूछा कि अब तक कितनी गिरफ्तारियां की गई हैं? कितनी एफआईआर दर्ज की गई हैं? सभी प्रदर्शनकारियों और जो पकड़े गए हैं, उनका विवरण प्राप्त करें, उनके नाम/पते सार्वजनिक करें, शहर में मुख्य स्थानों पर उनकी तस्वीरों वाली होर्डिंग लगाएं, ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और पुलिस की मदद कर सके।
राज्यपाल ने पूछा कि क्या पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले लोगों की पहचान की है और क्या उन्हें दंडित करने के लिए कोई कार्रवाई की गई है। बैस ने कहा कि ऐसे सभी लोगों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने की जरूरत है।
इन तस्वीरों के माध्यम से पुलिस जनता से आरोपियों संबंध में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है। रांची में हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जनभर पुलिसकर्मियों सहित 20 से अधिक लोग घायल हो गए थे। रांची में हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और हजारों लोगों के खिलाफ 25 एफआईआर दर्ज की गई है।
राज्यपाल ने रांची हिंसा पर डीजीपी और वरिष्ठ अधिकारियों से पूछे थे ये सवाल
बता दें कि, झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने रांची में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर सोमवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नीरज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को राजभवन तलब किया था। उन्होंने पूछा कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों, रबड़ की गोलियों या आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया और प्रशासन एहतियाती कार्रवाई करने में नाकाम क्यों रहा?
पुलिस महानिदेशक ने राज्यपाल को सूचित किया कि खुफिया ब्यूरो (आईबी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर राजधानी रांची में 10 जून के विरोध-प्रदर्शन के दौरान केवल 150 लोगों के जुटने की उम्मीद थी। हालांकि, हिंसक विरोध में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।
एफआईआर दर्ज की गई हैं? सभी प्रदर्शनकारियों और जो पकड़े गए
राज्यपाल ने यह भी पूछा कि पुलिस अधिकारी और कर्मी हेलमेट और सुरक्षात्मक गियर क्यों नहीं पहने हुए थे। उन्होंने पूछा कि अब तक कितनी गिरफ्तारियां की गई हैं? कितनी एफआईआर दर्ज की गई हैं? सभी प्रदर्शनकारियों और जो पकड़े गए हैं, उनका विवरण प्राप्त करें, उनके नाम/पते सार्वजनिक करें, शहर में मुख्य स्थानों पर उनकी तस्वीरों वाली होर्डिंग लगाएं, ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और पुलिस की मदद कर सके।
राज्यपाल ने पूछा कि क्या पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाले लोगों की पहचान की है और क्या उन्हें दंडित करने के लिए कोई कार्रवाई की गई है। बैस ने कहा कि ऐसे सभी लोगों की पहचान करने और उन्हें दंडित करने की जरूरत है।
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