अजमेर शरीफ दरगाह में है शिव मंदिर? महाराणा प्रताप सेना ने उठाई सर्वे की मांग
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद छिड़े विवाद को लेकर अभी तक कोर्ट का अंतिम फैसला नही आया है। इसी बीच कुतुब मीनार और ताजमहल के बाद अजमेर की हजरत ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह को लेकर चौंकाने वाला दावा किया जा रहा है।
03:26 PM May 26, 2022 IST | Desk Team
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद छिड़े विवाद को लेकर अभी तक कोर्ट का अंतिम फैसला नही आया है। इसी बीच कुतुब मीनार और ताजमहल के बाद अजमेर की हजरत ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह को लेकर चौंकाने वाला दावा किया जा रहा है।दिल्ली की महाराणा प्रताप सेना की ओर से राष्ट्रपति, राजस्थान के मुख्यमंत्री समेत कई मंत्रियों को पत्र लिखकर पुरातत्व विभाग से सर्वे करवाने की मांग की गई है।
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अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पहले हिन्दू मंदिर था
मीड़िया रिपोर्ट्स के अनुसार महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने दावा किया है कि अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पहले हिन्दू मंदिर था। उन्होंने पत्र में मांग करते हुए लिखा है कि पुरातत्व विभाग से अगर दरगाह का सर्वेक्षण कराया जाए। उन्होंने कहा कि वहां हिन्दू मन्दिर होने के पुख्ता सबूत मिल जाएंगे । सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष के मुताबिक यह दरगाह पृथ्वीराज के द्वारा बनाया गया एकलिंग मंदिर को कब्जा करके बनाई गई है। साथ ही उनका ये भी मानाना हैं कहा कि अजमेर की दरगाह में दरवाजों पर स्वास्तिक का क्या काम है? इस्लाम में स्वास्तिक चिन्ह तो नापाक है।
कई जगहों पर हिन्दू धार्मिक चिह्न भी हैं….
लेटर में यह भी लिखा गया है कि दरगाह के अंदर कई जगहों पर हिन्दू धार्मिक चिह्न भी हैं, जिसमें स्वस्तिक के निशान को प्रमुख बताया गया है। उन्होंने लिखा है कि इसके अलावा भी हिन्दू धर्म से संबंधित अन्य प्रतीक चिह्न भी दरगाह में मौजूद हैं। आपको बता दें कि हाल ही में ख्वाजा गरीब नवाज का 810वां उर्स मनाया गया है। वहीं दरगाह के जानकारों के अनुसार इसका इतिहास 900 साल पुराना है लेकिन अभी तक के इतिहास में ऐसा कोई पुख्ता दावा नहीं किया गया कि दरगाह किसी हिन्दू मन्दिर को तोड़कर बनाई गई है।
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