Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

नोएडा में फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश, विदेशी नागरिकों को बनाते थे निशाना, 18 लोग गिरफ्तार

12:58 AM Aug 02, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

नोएडा पुलिस ने एक ऐसे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 2 महिलाओं समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो विदेशी नागरिकों से लाखों की ठगी कर चुके हैं। नोएडा के थाना फेस-3 पुलिस और सीआरटी टीम ने सेक्टर-65 स्थित एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 23 लैपटॉप, 25 हेडसेट, 23 माउस, 27 लैपटॉप चार्जर, 17 मोबाइल फोन, एक पेन ड्राइव और माइक्रोसॉफ्ट के नाम पर बने कुछ फर्जी आईडी कार्ड बरामद किए गए हैं।

विदेशी नागरिकों से ठगी के आरोप में 18 लोग गिरफ्तार

पुलिस के मुताबिक, आरोपी गूगल ऐप्स के माध्यम से अमेरिका के डेटा वेंडर्स से विदेशी नागरिकों का डाटा खरीदते थे। इसके बाद इन लोगों को एक्स-लाइट और आईबीएम जैसे एप्लिकेशन के जरिए इंटरनेट कॉल करते और खुद को माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट का तकनीकी विशेषज्ञ बताकर कंप्यूटर में वायरस होने का डर दिखाते थे। कॉल के दौरान आरोपित टीम व्यूअर और अल्ट्रा व्यूअर जैसे रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर डाउनलोड करवाकर पीड़ित के कंप्यूटर पर नियंत्रण पा लेते थे। फिर सीएमडी प्रॉम्प्ट खोलकर सिस्टम हैक होने और बैंक और क्रेडिट कार्ड की जानकारी लीक होने की झूठी बात कहकर डराते थे।

कई राज्यों के लोग शामिल ठगी में शामिल

इससे घबराए विदेशी नागरिक इनकी बातों में आकर फर्जी तकनीकी सहायता के लिए पैसे भेज देते थे, जो ऐप या क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से वसूले जाते थे। पुलिस ने इस ठगी में शामिल 18 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के निवासी शामिल हैं। इनमें दो महिलाएं भी हैं। प्रमुख आरोपियों में ध्रुव अरोड़ा (दिल्ली), आकाश तिवारी (फरीदाबाद), तरुण (राजस्थान), मयूर नायक (राजस्थान), गुरविंदर सिंह (लखीमपुर खीरी), सौरभ चंद्रा (दिल्ली), प्रत्युमन शर्मा (हरियाणा), गौरव जसरोटिया (हिमाचल प्रदेश), कुनाल राजवंशी (देहरादून), दिव्यांश, अपूर्व, मोहम्मद फेजुल, अस्मीत सिंह, हरमनप्रीत, रितु राजपूत और सुकृति शामिल हैं।

आगे की जांच जारी

नोएडा पुलिस ने बताया कि इस तरह की ठगी के पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा था, जिसका नेटवर्क देश के अलग-अलग हिस्सों में फैला हुआ है। साइबर अपराधियों की यह टीम तकनीकी दक्षता और साइकोलॉजिकल ट्रिक्स का इस्तेमाल कर विदेशी नागरिकों से बड़ी रकम ठग रही थी।

Advertisement
Advertisement
Next Article