3rd day of Navratri 2025: आज है मां चंद्रघंटा की पूजा का दिन, जानें कैसा है मां का दिव्य स्वरूप और किस विधि से करें माता को प्रसन्न
3rd day of Navratri 2025 : शारदीय नवरात्रि हिंदू धर्म में काफी पवित्र त्योहार माना जाता है। यह वह अवसर होता है जब सभी भक्त मां दुर्गा की उपासना करते हैं। नवरात्रि में पूरे नौं दिनों तक माता के नौं दिव्य रूपों की पूजा करने का विधान हैं। इस साल 2025 में शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर सोमवार से शुरू हो गई है।
आज नवरात्रि का तीसरा दिन है और यह दिन मां दुर्गा के नौं रूपों में से एक मां चंद्रघंटा को समर्पित है। इस दिन सभी भक्त मां चंद्रघंटा की विधि-विधान से पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। आइए जानते हैं इस दिन मां चंद्रघंटा को कैसे प्रसन्न करें, मां का स्वरूप कैसा है और मां की पूजा कैसे की जाती है।
Day 3 of Navratri 2025: जानें नवरात्रि के तीसरे दिन का महत्व
आज शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है। आज के दिन मां चंद्रघंटा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित माना जाता है। देवी चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना करने से साधक को बौद्धिक क्षमता का विकास होता है, साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ता है। देवी चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना करने से साधक को चंचल मन पर नियंत्रण करने में सहायता मिलती है। मां चंद्रघंटा की साधना से साधक का मन ‘मणिपुर चक्र’ में प्रविष्ट होता है।
मां चंद्रघंटा की साधना करने से साधक को कई दिव्य और अलौकिक वस्तुओं का अनुभव होता है। इतना ही नहीं मां चंद्रघंटा की पूजा करने से क्त को दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि का वरदान मिलता है। इसके साथ ही माता का आर्शीवाद मिलता है और पाप नष्ट होते हैं और जीवन की सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। देवी चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना करने से साधक में साहस, निर्भयता, विनम्रता और सौम्यता का विकास होता है और उसके व्यक्तित्व में तेज, आकर्षण और मधुरता बढ़ती है।
Navratri Day 3 Goddess: जानें कैसा है मां चंद्रघंटा का स्वरूप
मां चंद्रघंटा का यह रूप दुर्गा के नौं रूपों में से एक है। यानी माता का यह रूप नवदुर्गा में से एक है। माता का यह रूप बहुत ही दिव्य और चमत्कारी है। मां चंद्रघंटा का स्वरूप स्वर्ण के समान। स्वर्ण के समान चमकते शरीर मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है। इसी कारण माता को चंद्रघंटा के नाम से पुकारा जाता है। माता की दस भुजाएं हैं और उनकी हर एक भुजा में अनेकों अस्त्र-शस्त्र हैं।
मां चंद्रघंटा के गले में सफेद पुष्पों की माला रहती है। युद्ध के लिए सदा तत्पर होने पर भी मां चंद्रघंटा का यह दिव्य स्वरूप सभी भक्तों के लिए करुणामयी और सौम्य है। मान्यता है कि जब भी मां चंद्रघंटा के घंटे की ध्वनि ब्रह्मांड में गुंजती है तो सभी पापी और राक्षस उनसे भयभीत हो जाते हैं। मां चंद्रघंटा के घंटे की ध्वनि उनके सभी भक्तों की रक्षा करती है और प्रेत-बाधा और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखती है।
Navratri 3nd Day Colour: नवरात्रि के तीसरे दिन कौन सा रंग है शुभ
नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित माना जाता है। इस दिन मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करन के लिए सभी भक्त तरह-तरह के उपाय करते हैं और माता से मनोकमाना करते हैं और उनका आर्शीवाद प्राप्त करते हैं। नवरात्रि के तीसरे दिन सभी लोग माता को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाते हैं और उन्हें अर्पित करते हैं। मां चंद्रघंटा का स्वरूप बहुत ही दिव्य, कल्याणकारी और शांतिदायक माना जाता है।
मां चंद्रघंटा अपने सभी भक्तों की रक्षा करती हैं और मां के आर्शीवाद से भक्तों को साहस, बल और मानसिक शांति का वरदान प्राप्त होता है। मां चंद्रघंटा की पूजा भी उनके प्रिय रंग को ध्यान में रख कर ही की जाती है। मां चंद्रघंटा को लाल रंग अत्यंत प्रिय है। इसलिए इस दिन माता को लाल रंग की वस्तु अर्पित करने से साधक को माता का आर्शीवाद मिलता है। नवरात्रि के तीसरे दिन लाल रंग के कपड़े धारण करके माता की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। ये रंग शक्ति, ऊर्जा और देवी के तेज का प्रतीक भी है।