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हिमाचल में कार खाई में गिरी, 4 मौतें, अब तक 82 की जान गई

09:33 PM Jul 06, 2025 IST | Aishwarya Raj
हिमाचल में कार खाई में गिरी  4 मौतें  अब तक 82 की जान गई
हिमाचल में कार खाई में गिरी, 4 मौतें, अब तक 82 की जान गई

देश के कई राज्यों में मानसून इस बार आफत बनकर टूटा है। हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में बारिश के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं, जिसमें अब तक 80 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। पहाड़ों से लेकर मैदान तक लोगों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में मनाली-रोहतांग दर्रे के पास एक ऑल्टो कार (HP 01 K 7850) सड़क से फिसलकर खाई में जा गिरी। इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति घायल है। बताया जा रहा है कि मृतक पर्यटक थे और हादसे के वक्त तेज बारिश हो रही थी।

हिमाचल में इस साल अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 82 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 50 मौतें भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं से जुड़ी हैं, जबकि 32 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई है। राज्य की 269 सड़कों पर यातायात ठप है। चंबा और मंडी जिले में बादल फटने से 5 पुल बह गए हैं।

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जल संकट

मध्य प्रदेश के जबलपुर में बरगी बांध के 9 गेट खोलने पड़े हैं, जिससे नर्मदा नदी का जलस्तर 4 से 5 फीट तक बढ़ सकता है। शहडोल में जिला अस्पताल के कई वार्डों में पानी भर गया है। उमरिया में जोहिला डैम के गेट भी खोल दिए गए हैं।

छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में 10 घंटे तक लगातार बारिश हुई। इस वजह से कई इलाकों में पानी भर गया और सड़क पर खड़े वाहन आधे पानी में डूब गए। गागर नदी में एक सामान से लदा ट्रक बह गया है। एनएच-343 पर यातायात प्रभावित है।

वाराणसी में गंगा उफान पर

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हर घंटे 1 सेंटीमीटर पानी बढ़ रहा है। गंगा का जलस्तर 62.62 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 71.262 मीटर है। महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पानी में डूब गया है, जिसके चलते अब चिताएं घाट की छत पर जलाई जा रही हैं।

सावधानी की जरूरत

देशभर में तेज बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। लोगों से अपील की गई है कि वे नदियों और पहाड़ी क्षेत्रों से दूर रहें और जरूरी होने पर ही यात्रा करें। राहत और बचाव टीमें सक्रिय हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदा की रफ्तार के सामने संसाधन सीमित नजर आ रहे हैं।

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Aishwarya Raj

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