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मंत्रि परिषद निर्णय : उपभोक्ताओं को प्रथम 100 यूनिट बिजली के100 रूपये देना होंगे

अत्यधिक ब्याज दरों पर ऋण देने की प्रवृत्ति एवं उत्पीड़न को रोकने के लिए मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति साहूकार विनियम 1972 लागू है।

01:57 PM Aug 19, 2019 IST | Desk Team

अत्यधिक ब्याज दरों पर ऋण देने की प्रवृत्ति एवं उत्पीड़न को रोकने के लिए मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति साहूकार विनियम 1972 लागू है।

मंत्रि परिषद निर्णय   उपभोक्ताओं को प्रथम 100 यूनिट बिजली के100 रूपये देना होंगे
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रि परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि इन्दिरा गृह ज्योति योजना में पात्र उपभोक्ताओं को प्रथम 100 यूनिट तक की खपत पर अधिकतम 100 रूपये का बिल दिया जाएगा।
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इस बैठक में बताया कि हितग्राही उपभोक्ताओं द्वारा किसी माह में 100 यूनिट से अधिक लेकिन पात्रता यूनिट तक उपयोग की गई खपत पर प्रथम 100 यूनिट के लिए देयक 100 रूपये होगा। इसमें मीटर किराया तथा विद्युत शुल्क भी शामिल होगा। इससे अधिक यूनिटों के लिए मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ की निर्धारित दर के अनुसार बिल देना होगा। आनुपातिक पात्रता यूनिट 150 से अधिक खपत होने पर उपभोक्ता को उस माह में योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
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इस योजना के लागू होने के बाद घरेलू उपभोक्ताओं को दी जा रही अन्य सभी सब्सिडी समाप्त हो जाएगी। योजना में लगभग एक करोड़ 2 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। इससे राज्य शासन पर 2666 करोड़ रूपये कुल वित्तीय भार आएगा।
मंत्रि परिषद ने विनियम के कुछ प्रावधान वर्तमान परिवेश में अप्रासंगिक होने से मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति साहूकार विनियम (संशोधन) अध्यादेश 2019 के लिए स्वीकृति दी है। प्रदेश में साहूकारों द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों में आदिवासी वर्ग को अत्यधिक ब्याज दरों पर ऋण देने की प्रवृत्ति एवं उत्पीड़न को रोकने के लिए मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति साहूकार विनियम 1972 लागू है।
मंत्रि परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया है कि मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त ऐसे सभी मदरसों, जिन्हें भारत सरकार से अनुदान प्राप्त करने के लिए राज्य शासन द्वारा अनुशंसा की गई है, उन्हें मध्यान्ह भोजन योजना का लाभ दिया जायेगा। इस निर्णय से प्राथमिक स्तर के मदरसों में अध्ययनरत 26 हजार 400 और माध्यमिक स्तर के मदरसों में अध्ययनरत 7850, इस प्रकार कुल 34 हजार 250 विद्यार्थी लाभांवित होंगे और राज्य शासन पर लगभग 10 करोड़ 20 लाख रूपये का व्यय भार आएगा।
वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत निरस्त दावों के बेहतर परीक्षण के लिए पूरी व्यवस्था कम्प्यूटरीकृत करने के लिए महाराष्ट्र नॉलेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा तैयार किये गये‘वन मित्र’साफ्टवेयर को एकल निविदा के तहत क्रय करने की मंजूरी मंत्रि-परिषद ने दे दी है।
बैठक में मंत्रि परिषद ने मध्यप्रदेश राज्य तिलहन उत्पादक सहकारी संघ मर्यादित भोपाल के सेवायुक्तों के संबंध में जारी संविलियन योजना की अवधि में 31 दिसम्बर तक बढ़ने का निर्णय लिया है। योजना की अवधि 30 जून को समाप्त हो गई थी। शेष बचे सेवायुक्तों के संविलियन के लिए योजना की अवधि में वृद्धि करने का निर्णय भी लिया गया है।
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