एक बार फिर सड़कों पर किसान, अब नागपुर में उठी प्रदर्शन की आवाज, जानें क्या है पूरा मामला?
Farmers Protest in Nagpur: महाराष्ट्र के नागपुर में किसान पिछले दो दिनों से लगातार कर्ज माफी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह आंदोलन पूर्व मंत्री और प्रहार पार्टी के नेता बच्चू कडू के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार ने जो वादे उनसे किए थे, उन्हें अब तक पूरा नहीं किया गया है। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक सरकार बिना किसी शर्त के किसानों का पूरा ऋण माफ नहीं करती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों ने नागपुर-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) को भी जाम कर दिया है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
Farmers Protest in Nagpur: किसानों की मुख्य मांगें
महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज माफी लंबे समय से एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा रहा है। किसानों की मुख्य मांग है कि उनके कृषि ऋण को बिना किसी शर्त के पूरी तरह माफ किया जाए। इसके अलावा किसान यह भी चाहते हैं कि जिन किसानों की आर्थिक स्थिति खराब है और जो ऋण चुकाने में असमर्थ हैं, उनके साथ जबरदस्ती या कानूनी कार्रवाई न की जाए।
वहीं सूखा प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए। वहीं फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय कर उसे सख्ती से लागू किया जाए ताकि किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य मिल सके। किसानों का कहना है कि लगातार सूखा, बढ़ती लागत और उपज के कम दाम के कारण वे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में कर्ज का बोझ उनके लिए और भी भारी हो गया है।

Nagpur Tractor Rally: बच्चू कडू का आरोप
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे बच्चू कडू का कहना है कि सरकार ने किसानों से कर्ज माफी का वादा किया था, लेकिन अब वह अपने वादे से पीछे हट रही है। उन्होंने कहा कि किसान देश की रीढ़ हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही। बच्चू कडू ने यह भी चेतावनी दी कि जब तक सरकार ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

Farmer Protest News Today: सरकार का रुख
इस मुद्दे पर अब तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार सरकार किसानों के प्रतिनिधियों से बातचीत करने के लिए तैयार है। 2017 में राज्य सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी कर्ज माफी योजना शुरू की थी, लेकिन कई किसानों का कहना है कि उस योजना का लाभ उन्हें पूरी तरह नहीं मिला। राज्य में किसानों की आत्महत्या के मामलों में वृद्धि ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार समय पर राहत नहीं देती, तो आने वाले समय में हालात और खराब हो सकते हैं।
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