वर्ष 2026 में भारत के Tyre Sector में 8% वृद्धि का अनुमान: रिपोर्ट
भारत Tyre Sector में अपनी मजबूत स्थिती बना रहा है। रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में 7-8 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि का अनुमान है। यह वार्षिक बिक्री का आधा हिस्सा है, लेकिन मूल उपकरण निर्माताओं (OEM) द्वारा उठाव कम रहने की संभावना है और निर्यात स्थिर रहेगा। बता दें कि बढ़ते व्यापार तनाव और अमेरिकी टैरिफ के कारण चीनी उत्पादकों द्वारा इन्वेंट्री को दूसरी जगह भेजने के जोखिम से चुनौतियाँ पैदा हो सकती है।
क्या कहती है रिपोर्ट
स्थिर इनपुट लागत और बेहतर क्षमता उपयोग के बल पर परिचालन 13 से 13.5 प्रतिशत पर स्थिर रहने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार मजबूत उपार्जन, कमज़ोर बैलेंस शीट और संतुलित पूंजीगत व्यय के साथ, इस क्षेत्र के स्थिर लोन को बनाए रखने में मदद मिलेगी। बता दें कि यह रिपोर्ट भारत के शीर्ष छह टायर निर्माताओं के विश्लेषण पर आधारित है, जो सभी वाहन खंडो की जरूरतों को पूरा करते है और इस क्षेत्र के लगभग एक लाख करोड़ रुपये के राजस्व में 85 प्रतिशत का योगदान करते है।
6-7 प्रतिशत की बढ़ोतरी
इस क्षेत्र में घरेलू मांग मुख्य आधार बनी हुई है, जो कुल मात्रा का लगभग 75 प्रतिशत है और निर्यात से प्राप्त होता है। क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की तरह ही इस वित्त वर्ष में वॉल्यूम ग्रोथ 5-6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। रिप्लेसमेंट सेगमेट, जो वॉल्यूम में लगभग 50 प्रतिशत का योगदान देता है। बड़े वाहन आधार, मज़बूत माल ढुलाई और ग्रामीण क्षेत्रों में रिकवरी के चलते 6-7 प्रतिशत की बढ़ोतरी के लिए तैयार है।
जिसे दोपहिया और ट्रैक्टरों की स्थिर बिक्री
OIM वॉल्यूम में 25 प्रतिशत में 3 से 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना है, जिसे दोपहिया और ट्रैक्टरों की स्थिर बिक्री और यात्री वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों में हल्की बढ़ोतरी का समर्थन करता है। यूरोप, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका से मांग के कारण निर्यात वॉल्यूम में 4-5 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
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