अफगानी विदेश मंत्री का भारत दौरा, विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी
विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी 9 से 16 अक्टूबर तक आधिकारिक दौरे पर भारत आएंगे। नई दिल्ली में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की समिति ने मुत्ताकी की भारत यात्रा के लिए छूट प्रदान की है। उन्होंने कहा, आप सभी ने देखा होगा कि अफगान विदेश मंत्री की 9 से 16 अक्टूबर तक नई दिल्ली यात्रा के लिए किस प्रकार की छूट दी गई है। यह जानकारी सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है। हम इस संबंध में आपको आगे अपडेट देते रहेंगे।
Weekly Media Briefing by the Official Spokesperson (October 03, 2025)
https://t.co/IOHyZHQLU3— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) October 3, 2025
भारत के विदेश मंत्री से करेंगे मुलाकात
मुत्ताकी अपने दौरे के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात कर सकते हैं। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मुत्ताकी कुछ सप्ताह पहले भारत आना चाहते थे, लेकिन उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से यात्रा छूट नहीं मिल पाई थी। यह दौरा पिछले कई महीनों से नई दिल्ली और तालिबान सरकार के बीच चल रही कूटनीतिक गतिविधियों का हिस्सा है, जिसमें इस साल जनवरी में विदेश सचिव विक्रम मिश्र की मुत्ताकी से बैठक भी शामिल थी।
भारत-अफगान के रिश्तों में नया मोड़
पिछले कुछ महीनों में काबुल के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने नई दिल्ली का दौरा किया है, जिसमें अफगानिस्तान के चिकित्सा और खाद्य विभाग के उपमंत्री हम्दुल्ला जाहीद भी शामिल हैं, जो पिछले महीने फार्मास्यूटिकल्स और हेल्थकेयर पर आयोजित 11वें अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी में भाग लेने नई दिल्ली आए थे। साथ ही, सुरक्षा और रणनीतिक मामलों से जुड़े तालिबान के एक अन्य शीर्ष अधिकारी ने भी पिछले महीने भारतीय राजधानी का दौरा किया था, जिसकी पहचान सार्वजनिक नहीं की गई और वे पिछले सप्ताह ही लौटे।
दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध
जायसवाल ने कहा, हम अस्थायी अफगान सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं। आप सभी ने देखा होगा कि विदेश मंत्री और मुत्ताकी के बीच पहले एक टेलीफोन वार्ता हुई थी। साथ ही, हमारे जॉइंट सेक्रेटरी और उनके अफगान समकक्षों के बीच भी बातचीत हो रही है। हाल ही में जब भूकंप आया, उसी दिन हमने कुनार प्रांत में राहत सामग्री भेजी और इसके बाद चाबहार मार्ग से और राहत सामग्री भेजी गई।