ईरान के बाद अब इस देश के पीछे पड़ा इजराइल, राष्ट्रपति को खत्म करने का किया ऐलान!
ईरान के बाद अब इजराइल सीरिया के पीछे पड़ गया है. सीरिया में जारी गृहयुद्ध के बीच इजराइल के मंत्री अमीचाई चिक्ली ने एक बड़ा और चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने सीरिया के कार्यकारी राष्ट्रपति अहमद अल-शरा को सीधे तौर पर धमकी दी है. चिक्ली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि शरा का अंजाम भी वही होगा जो हमास के प्रमुख का हुआ था. इस बयान के बाद मध्य पूर्व में राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2024 में जब सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद का तख्तापलट हुआ, तो उसके बाद हालात और बिगड़ गए. नए नेता अहमद अल-शरा के सत्ता में आने के बाद इज़राइल ने सीरिया के दक्षिणी इलाकों में सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी. गोलन हाइट्स से आगे तक इज़राइली सेना ने कब्जा जमा लिया और इन क्षेत्रों को 'युद्ध क्षेत्र' घोषित कर दिया. इज़राइल का आरोप है कि इन इलाकों में शरा समर्थक सैनिक ड्रूज समुदाय के लोगों पर हमले कर रहे हैं. बता दें, कि ड्रूज समुदाय सीरिया में अल्पसंख्यक है और इसकी आबादी करीब 7 लाख है.
ड्रूज समुदाय को लेकर इजराइल का रुख
इजराइल के रक्षा मंत्री योआव कैट्ज ने साफ कहा है कि उनका देश ड्रूज समुदाय की हर हाल में रक्षा करेगा. हाल ही में इज़राइली सैनिकों ने शरा के समर्थकों पर गोलीबारी की और टैंकों पर बम गिराए जाने की खबरें भी आई हैं. ये घटनाएं सीरिया और इजराइल के बीच तनाव को और बढ़ा रही हैं.
क्या अहमद अल-शरा की हत्या संभव है?
अमीचाई चिक्ली के बयान पर फिलहाल सीरिया की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन इजराइल के इतिहास को देखते हुए, जहां उसने कई बार अपने दुश्मनों को टारगेट किलिंग के जरिए खत्म किया है, शरा की हत्या की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
हालांकि, अहमद अल-शरा को सऊदी अरब और तुर्की जैसे देशों का समर्थन हासिल है. यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शरा को मान्यता दे चुके हैं. ऐसे में इजराइल के लिए ये मामला आसान नहीं रहेगा.
अमेरिका की शांति की अपील
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अमेरिका ने दोनों देशों से अपील की है कि वे ड्रूज समुदाय से जुड़े मुद्दे पर फौरन संघर्षविराम करें. अमेरिका नहीं चाहता कि यह लड़ाई और अधिक फैलकर पूरे क्षेत्र को संकट में डाल दे.
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