पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश को सबक सिखाएगा भारत, जानें क्या है इंडिया की प्लानिंग?
बांग्लादेश को सबक सिखाने की तैयारी में भारत
भारत ने बांग्लादेश से आने वाले कुछ उत्पादों पर आयात प्रतिबंध लगाकर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बनाया है। यह कदम बांग्लादेश की पाकिस्तान और चीन से बढ़ती नजदीकियों और राजनीतिक तनावों के चलते उठाया गया है। इससे बांग्लादेश की यूनुस सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
India- Bangladesh Conflict: जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान की बैंड बजाने के बाद अब भारत के निशाने पर बांग्लादेश है. भारत ने एक फैसले के तहत बांग्लादेश से आने वाले कुछ उत्पादों पर बंदरगाहों के माध्यम से आयात को सीमित कर दिया है. बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद भारत में शरण लेने से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वहीं दूसरी और बांग्लादेश की पाकिस्तान और चीन से बढ़ती नजदीकियां भी भारत को अच्छा संकेत नहीं दे रही थी. इस वजह से भारत ने यह कदम उठाया है. भारत सरकार की यह कार्रवाई कूटनीतिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर बांग्लादेश को एक सख्त संदेश देने की दिशा में है. इससे पड़ोसी देश की यूनुस सरकार की परेशानी बढ़ सकती है.
बांग्लादेशी के उत्पादों पर प्रतिबंध
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक अधिसूचना जारी कर बांग्लादेश से आने वाले कई उत्पादों के आयात पर नए प्रतिबंध लागू कर दिए हैं. अब तैयार परिधान (रेडीमेड गारमेंट्स) सिर्फ न्हावा शेवा और कोलकाता बंदरगाहों के जरिए ही भारत में आ सकेंगे. अन्य किसी भी ज़मीनी बंदरगाह (Land Ports) से इनका आयात नहीं किया जा सकेगा.
वहीं न केवल कपड़े, बल्कि प्रोसेस्ड फूड, फल, फ्लेवर युक्त और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कपास व सूती धागे से बना वेस्ट, पीवीसी व प्लास्टिक से बने तैयार उत्पाद (जैसे पिगमेंट, डाई आदि को छोड़कर) और लकड़ी के फर्नीचर पर भी बंदरगाह प्रतिबंध लगाए गए हैं. इन उत्पादों को अब सीमित बंदरगाहों के माध्यम से ही भारत में लाया जा सकता है.
ये सामान रहेंगे प्रतिबंधों से बाहर
इस दौरान डीजीएफटी ने यह भी स्पष्ट किया है कि कुछ वस्तुओं को इन प्रतिबंधों से छूट दी गई है. बांग्लादेश से मछली, एलपीजी, खाद्य तेल और कुचला हुआ पत्थर (क्रश्ड स्टोन) जैसे उत्पाद पहले की तरह आयात किए जा सकेंगे. साथ ही, यह आदेश उन सामानों पर लागू नहीं होगा जो बांग्लादेश से होकर नेपाल और भूटान जा रहे हैं.
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किन रास्तों से नहीं होगा आयात
असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के लैंड कस्टम्स स्टेशन (LCS) और पश्चिम बंगाल के चंग्राबांधा तथा फुलबाड़ी जैसे सीमावर्ती इलाकों से अब इन प्रतिबंधित वस्तुओं का आयात नहीं हो सकेगा. यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.
क्यों उठाया गया कदम?
यह कदम मुख्य रूप से भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते राजनीतिक तनावों की पृष्ठभूमि में उठाया गया है. बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रमुख मुहम्मद यूनुस द्वारा चीन में दिए गए एक विवादित बयान के बाद भारत में नाराजगी देखी गई. यूनुस ने कथित तौर पर कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य समुद्र से कटे हुए हैं और बांग्लादेश ही उनका समुद्र से संपर्क है. उन्होंने चीन को इस रास्ते का उपयोग करने का सुझाव भी दिया था.
इसके अलावा, भारतीय वस्त्र उद्योग लंबे समय से बांग्लादेश को दिए जा रहे व्यापारिक विशेषाधिकारों पर आपत्ति जता रहा था. व्यापार असंतुलन की शिकायतों के चलते इन विशेषाधिकारों की समीक्षा की मांग की गई थी, जिसके बाद यह कदम उठाया गया.
भारत द्वारा बांग्लादेश के प्रति अपनाया गया यह नया रुख सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक रणनीतिक संदेश भी है. चीन और पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश की बढ़ती नजदीकियों ने भारत को सतर्क कर दिया है, और अब भारत ने कूटनीतिक दबाव के साथ-साथ आर्थिक दबाव भी बनाना शुरू कर दिया है.