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Air Force officers murder case : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुआ यासीन मलिक

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का प्रमुख यासीन मलिक 1990 में वायुसेना के चार अधिकारियों की हत्या के मामले में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जम्मू की एक विशेष अदालत में पेश हुआ।

11:44 PM Oct 19, 2022 IST | Shera Rajput

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का प्रमुख यासीन मलिक 1990 में वायुसेना के चार अधिकारियों की हत्या के मामले में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जम्मू की एक विशेष अदालत में पेश हुआ।

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का प्रमुख यासीन मलिक 1990 में वायुसेना के चार अधिकारियों की हत्या के मामले में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जम्मू की एक विशेष अदालत में पेश हुआ।
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मलिक आतंकवादी वित्तपोषण के एक मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
विशेष आतंकवादी एवं विघटनकारी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम अदालत ने 23 अक्टूबर को मामले में गवाहों से जिरह करने के लिए सीबीआई को पेशी वारंट जारी किया है।
अभियोजन पक्ष की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एस के भट ने कहा, “मलिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुआ। वह मामले के दस आरोपियों में से मुख्य आरोप है।”
21 सितंबर को विशेष टाडा अदालत ने 1990 में वायुसेना कर्मियों पर हुए हमले के मामले में 19 अक्टूबर को मलिक की भौतिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पेशी वारंट जारी किया था। हालांकि, तिहाड़ जेल ने अदालत को सूचित किया कि मलिक की जम्मू यात्रा संभव नहीं है।
भट ने बताया, “तिहाड़ जेल की जेल नंबर-7 के अधीक्षक ने अदालत को भेजे अपने अनुरोध में कहा कि मलिक को आतंकवादी वित्तपोषण के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है और जांच एजेंसी ने उसकी सजा को बढ़ाकर मृत्युदंड में तब्दील किए जाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। इसके चलते उन्हें मलिक को दिल्ली से बाहर नहीं ले जाने का आदेश दिया गया है।”
भट के मुताबिक, अदालत ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और गवाह वी के शर्मा से जिरह के दौरान मलिक को आभासी रूप से पेश करने के लिए 23 अक्टूबर की तारीख तय की।
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