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Aja Ekadashi 2025 Vrat: इस तरह विधिपूर्वक करें अजा एकादशी का व्रत, जानें Puja Vidhi और महत्व

04:57 PM Aug 18, 2025 IST | Shweta Rajput
Aja Ekadashi 2025 Vrat

Aja Ekadashi 2025 Vrat: अजा एकादशी को हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के समर्पित हैं। इस दिन लोग पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस दिन को जीवन के सभी दु:खों को दूर करके भगवान श्री विष्णु की कृपा प्राप्त करने का दिन माना जाता है। इस दिन व्रत करने से जीवन के सारे दुखों से मुक्ति मिलती है। सनातन परंपरा में जिस भगवान श्री विष्णु की कृपा पाने के लिए एकादशी व्रत को बहुत ज्यादा पुण्यदायी और फलदायी माना गया है।

हिंदू धर्म में अजा एकादशी व्रत को भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को करने पर व्यक्ति पर श्री हरि की अनंत कृपा बरसती है। साल में कुल 24 एकादशी होती हैं, प्रत्येक माह में दो एकादशी होती हैं। हर एकादशी एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में आती है और अधिकमास (मलमास) होने पर 26 एकादशी भी हो सकती हैं। सनातन धर्म में एकादशी को काफी पवित्र माना जाता है।

इस दिन व्रत रखने से पापों के मुक्ति मिलती है और लक्ष्मी नारायण का आर्शीवाद मिलता है। अभी भाद्रपद मास का कृष्ण पक्ष चल रहा है और इस पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी के तौर पर जाना जाता है। अजा एकादशी का सनातन धर्म में काफी बड़ा महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने से रोग-दोष, दुख-दर्द दूर होते हैं और जीवन में सुख समृद्धि भी आती है। अजा एकादशी का दिन और इस दिन रखा गया व्रत कितना महत्‍वपूर्ण है इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि यह व्रत करने वाले साधक को मृत्‍यु के बाद विष्‍णु लोक में स्‍थान मिलता है।

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Aja Ekadashi puja vidhi: जानिए अजा एकादशी की पूजा की सरल विधि

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Aja Ekadashi 2025 Vrat

अजा एकादशी को हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू धर्म में हर एकादशी को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से सारे पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन को सबसे पवित्र दिनों में से एक माना जाता है। इस दिन आपको सबसे पहले सुबह जल्दी उठना चाहिए। स्नान करने के बाद फिर साफ कपड़े पहनें। एकादशी के दिन पीले वस्त्र पहनने चाहिए।

इस दिन मन में भगवान विष्‍णु का स्‍मरण करना चाहिए। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। कलश पर पान अथवा आम के पत्ते रखकर उस पर नारियल रखें। इसके बाद सबसे पहले कलश देवता की रोली चंदन आदि लगाकर पूजा करें। इसके बाद श्री हरि की पीले पुष्प, पीले चंदन, पीली मिठाई का भोग आदि से उनकी पूजा करें। फिर दीपक जलाकर पूजा प्रारंभ करें। इसके बाद पूजा स्‍थल पर गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें।

इसके बाद चौकी पर विष्णु की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें। इसके बाद प्रतिमा पर तिलक लगाएं। इसके बाद धूप-दीप करें, फूल अर्पित करके भगवान विष्णु को फल-मिठाई का भोग लगाएं। इस एकादशी के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और फिर द्वादशी के दिन पारण करें। एकादशी व्रत का पारण अन्न और धन का दान कर किया जाता है।

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Aja Ekadashi ka Mahatva: जानें क्या है इस दिन का महत्व

Aja Ekadashi 2025 Vrat

अजा एकादशी को सबसे पावन और सबसे महत्वपूर्ण एकादशी में से एक माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। इस दिन व्रत रखने से श्री हरि की अनंत कृपा के साथ-साथ दु:ख-दारिद्रय को दूर करने में भी मदद मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु की कृपा से सुख-संपत्ति और सौभाग्य प्राप्त होता है। इस दिन व्रत करने से इस जन्म के साथ-साथ पिछले सभी जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है।

इतना ही नहीं मृत्यु के बाद भी श्री हरि की कृपा से व्यक्ति सभी सुखों को भोगता हुआ अंत में उसे वैकुंठ लोक में जाने का मौका मिलता है। यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है। इतना ही नहीं जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है। अजा एकादशी का व्रत और पूजान करने से धन-धान्य और पुत्रादि की वृद्धि होती है।

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