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अखिलेश यादव- साइबर सुरक्षा और तकनीकी आत्मनिर्भरता पर दे सरकार ध्यान

साइबर सुरक्षा पर अखिलेश यादव की सरकार से अपील

10:07 AM May 09, 2025 IST | Aishwarya Raj

साइबर सुरक्षा पर अखिलेश यादव की सरकार से अपील

अखिलेश यादव  साइबर सुरक्षा और तकनीकी आत्मनिर्भरता पर दे सरकार ध्यान

भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सैन्य तनाव के बीच समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की है। उन्होंने शुक्रवार को एक लंबी पोस्ट के ज़रिए सरकार को चेताया कि जब देश सीमाओं पर सतर्क है, तो तकनीकी और साइबर मोर्चे पर भी पूरी तैयारी ज़रूरी है। अखिलेश यादव का मानना है कि वर्तमान समय में देश की शासनिक, प्रशासनिक और आर्थिक गतिविधियां इंटरनेट और डिजिटल नेटवर्क पर इतनी अधिक निर्भर हो चुकी हैं कि कोई भी साइबर हमला या तकनीकी हस्तक्षेप राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी विकास के इस दौर में विदेशी कंपनियों पर अत्यधिक निर्भरता भारत को असुरक्षित बना सकती है। ऐसे में आवश्यक है कि देश सरकार के पास किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में डिजिटल और तकनीकी संसाधनों पर पूर्ण और निर्णायक नियंत्रण हो। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का अत्यंत संवेदनशील मुद्दा बताया।

साइबर अपराधों में वृद्धि से बढ़ रही चिंता

अखिलेश यादव ने कहा कि आज के दौर में साइबर अपराधों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सिर्फ आम लोग ही नहीं, बल्कि बड़ी-बड़ी कंपनियां भी साइबर हमलों का शिकार बन रही हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि वो इस दिशा में ठोस कदम उठाए और इंटरनेट-संचालित सेवाओं को सुरक्षित बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर रणनीति तैयार करे।

तकनीकी आत्मनिर्भरता को बताया राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय

सपा प्रमुख ने स्पष्ट किया कि तकनीक चाहे किसी भी देश से ली जाए, लेकिन उसके संचालन पर नियंत्रण भारत सरकार के पास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता केवल आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक आवश्यकता बन चुकी है।

विदेशी कंपनियों के लिए खुलापन, देशी कारोबारियों पर शिकंजा?

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार विदेशी निवेशकों के लिए तो ‘रेड कार्पेट’ बिछाती है, लेकिन देश के व्यापारियों और स्टार्टअप्स को एजेंसियों के ज़रिए प्रताड़ित करती है। इससे न सिर्फ देश का व्यापारिक माहौल बिगड़ता है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत का सपना भी कमजोर पड़ता है।

स्थायी मित्रता पर उठाए सवाल, कहा- अंतरराष्ट्रीय संबंध अस्थिर होते हैं

अखिलेश यादव ने कहा कि किसी भी देश के साथ रिश्ते स्थायी नहीं होते। राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों में बदलाव आते रहते हैं, इसलिए तकनीकी, कूटनीतिक और सुरक्षा क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता ही एकमात्र सुरक्षित विकल्प है।

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