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अलपन ने केंद्र के नोटिस के जवाब में कहा: CM ममता के निर्देश पर चक्रवात प्रभावित क्षेत्र में गया था

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने केंद्र के ‘कारण बताओ’ नोटिस का बृहस्पतिवार को जवाब दे दिया और कहा कि वह मुख्यमंत्री के निर्देश पर चक्रवात प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर गए थे।

11:21 PM Jun 03, 2021 IST | Ujjwal Jain

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने केंद्र के ‘कारण बताओ’ नोटिस का बृहस्पतिवार को जवाब दे दिया और कहा कि वह मुख्यमंत्री के निर्देश पर चक्रवात प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर गए थे।

अलपन ने केंद्र के नोटिस के जवाब में कहा  cm ममता के निर्देश पर चक्रवात प्रभावित क्षेत्र में गया था
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पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने केंद्र के ‘कारण बताओ’ नोटिस का बृहस्पतिवार को जवाब दे दिया और कहा कि वह मुख्यमंत्री के निर्देश पर चक्रवात प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर गए थे।उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जारी नोटिस में 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चक्रवात संबंधी समीक्षा बैठक से उनकी अनुपस्थिति को लेकर स्पष्टीकरण देने को कहा गया था।
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पश्चिम बंगाल सरकार ने भी इस मामले में अपना जवाब केंद्रीय गृह मंत्रालय को बृहस्पतिवार को भेज दिया जो जवाब भेजने का आखिरी दिन था। सूत्रों ने बताया कि बंदोपाध्याय का स्थान लेने वाले मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने जवाब लिखा है। हालांकि इसकी सामग्री के बारे में जानकारी नहीं मिली है।
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सूत्रों ने बताया कि बंदोपाध्याय ने अपने जवाब में कहा कि वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर वह चक्रवात ‘यास’ से बुरी तरह प्रभावित दीघा का जायजा लेने की वजह से उस बैठक में शामिल नहीं हुए। दीघा पूर्व मेदिनीपुर जिले का एक लोकप्रिय समुद्री रिसॉर्ट शहर है।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 31 मई को आपदा प्रबंधन कानून के सख्त प्रावधान के तहत बंदोपाध्याय को ‘कारण बताओ’ नोटिस दिया था। इस प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को दो साल तक की कैद हो सकती है। केंद्र और ममता बनर्जी सरकार के बीच खींचतान के मध्य यह नोटिस जारी किया गया था।
पश्चिम बंगाल कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय 31 मई को मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त होने वाले थे। लेकिन कोविड महामारी के दौरान उनकी अहम भूमिका को लेकर राज्य ने हाल ही में उनके कार्यकाल को तीन महीने के लिए बढ़ाने की अनुमति मांगी थी और यह अनुमति मिल गयी थी।
लेकिन प्रधानमंत्री की चक्रवात समीक्षा बैठक में उनके तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल नहीं होने के बाद विवाद शुरू हो गया था और केंद्र ने बंदोपाध्याय के स्थानांतरण का निर्देश दिया था।इस बीच बंदोपाध्याय ने मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार के रूप में काम करना शुरू कर दिया।
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