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ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव और प्रभाती परिदा के साथ गुरुवार को पुरी में भगवान जगन्नाथ के 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। Covid-19 महामारी के बाद से बंद रखे गए मंदिर के चारों द्वार आज भक्तों के लिए खोल दिए गए। ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले माझी की भाजपा सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में गुरुवार सुबह पुरी में श्री जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वार फिर से खोलने और इसके लिए एक कोष स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। पुरी के सांसद संबित पात्रा, बालासोर के सांसद प्रताप चंद्र सारंगी और पार्टी के अन्य मंत्री और नेता भी मंदिर में मौजूद थे।
ओडिशा के CM मोहन चरण माझी ने कहा, "हमने कल कैबिनेट मीटिंग में जगन्नाथ मंदिर के चारों गेट खोलने का प्रस्ताव रखा था। प्रस्ताव पास हो गया और आज सुबह 6:30 बजे मैं अपने विधायकों और पुरी के सांसद संबित पात्रा के साथ मंगला आरती में शामिल हुआ, जगन्नाथ मंदिर के विकास और अन्य कार्यों के लिए हमने कैबिनेट में एक फंड का प्रस्ताव रखा है। जब हम अगला राज्य बजट पेश करेंगे, तो हम मंदिर प्रबंधन के लिए 500 करोड़ रुपये का एक कॉर्पस फंड आवंटित करेंगे।"
राज्य मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा, "चुनाव के दौरान हमने कहा था कि हम चारों गेट फिर से खोलेंगे। मंदिर के चारों गेट आज खुलने जा रहे हैं। यहां मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य और CM भी मौजूद हैं। विकास परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये के कॉर्पस फंड की भी घोषणा की गई है। हमने कल शपथ ली और हम आज गेट खोल रहे हैं।" पिछली बीजद सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद से मंदिर के चारों गेट बंद रखे थे। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में ओडिशा में पहली भारतीय जनता पार्टी सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में माझी ने शपथ ली।