For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

अम्बानी और अडानी परिवार की शादियां

अम्बानी और अडानी परिवार के बेटों की शादियां हुईं, दोनों अपनी तरह से अनूठी शादियां…

10:55 AM Mar 08, 2025 IST | Kiran Chopra

अम्बानी और अडानी परिवार के बेटों की शादियां हुईं, दोनों अपनी तरह से अनूठी शादियां…

अम्बानी और अडानी परिवार की शादियां

अम्बानी और अडानी परिवार के बेटों की शादियां हुईं, दोनों अपनी तरह से अनूठी शादियां थीं। अगर देखा जाए तो अम्बानी के पुत्र की शादी ने ग्लोबल इवेंट का रूप लिया, जबकि अडानी के बेटे शादी ने पारम्परिक भारतीय विवाह का आदर्श प्रस्तुत किया। दोनों का अपनी-अपनी जगह पर अपना महत्व है, साथ ही समाज में अलग-अलग संदेश दिया। एक समृद्धि और वैश्विक कनैक्शन तो दूसरा पारिवारिक मूल्यों और सादगी का प्रतीक।

अम्बानी के यहां शादी बड़ी धूमधाम से थी। पहले ही प्री-वैडिंग कार्यक्रम शुरू हो गए थे। अरबों रुपयों का खर्च हुआ। शादी आधुनिकता और पम्पराओं के मिश्रण के साथ थी। बॉलीवुड, खेल जगत, राजनीति और बड़ी-बड़ी व्यापारिक हस्तियां देश-विदेशों से मौजूद थीं। राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया में बहुत चर्चा थी। भारतीय परम्पराओं और संस्कृति का भव्य आयोजन था। कई लोगों ने इसके खर्च और प्रदर्शन को लेकर आलोचना की परन्तु मेरा मानना है कि इससे बड़े स्तर पर रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला। भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर दिखाने का अवसर मिला। परिवार और व्यावसायिक रिश्तों को मजबूत करने का मंच था। बड़े लोगों को रोजगार मिला। बाहर से आकर लोगों ने बिजनेस भी किया। अम्बानी परिवार ने बड़े स्तर पर भारतीय संस्कृति और परम्पराओं को दिखाया और भारतीय संस्कृति के अनुसार कैसे शादियां होती हैं।

मुझे एक शाल वाले जानते हैं, उन्हें ही कई करोड़ का ऑर्डर मिला। ऐसे फूलों वालों को, म्यूजिक वाले या कई परफाॅर्म करने वाले आर्टिस्ट को भी मिला होगा। कई डिजाइनर ज्वैलरी को ऑर्डर मिले होंगे, तो अच्छा है, उनके पास पैसा है तो शादी में अपने साथ उन्होंने कइयों को एंज्वाय कराया और उन लोगों ने तो बहुत ही एंज्वाय किया जिनको ऑर्डर मिला।

दूसरी तरफ गौतम अडानी के बेटे जीत अडानी की शादी भी चर्चा में रही जो पारिवारिक मूल्यों आैर सादगी की प्रतीक थी। समाज में संतुलन और सादगी का संदेश दे रही थी। वैसे तो देखा जाए किसी भी शादी की भव्यता और सादगी व्यक्तिगत पसंद और पारिवारिक मूल्यों पर निर्भर करती है। मैंने भी अपने बच्चों की मंदिर में शादी की थी परन्तु रिसेप्शन बहुत बड़ा था और दूसरा अपने बुजुर्गों के लिए रिसेप्शन किया था। आफिस के लिए अलग किया था। कहने का भाव है कि यह तीनों रिसेप्शन मेरे लिए, मेरे कर्मचारियों, मेरे जानने वालों के लिए जरूरी था। क्योंकि रिसेप्शन का भाव यह होता है नए जोड़े के बारे में समाज को बताना कि यह शादी के बंधन में बंध गए और हमारे परिवार का हिस्सा हैं।

मुझे अडानी की सबसे अच्छी बात यह लगी जो उन्होंने 10,000 करोड़ रुपए की विशाल राशि सामाजिक कार्यों के लिए दान करने की घोषणा की और उससे स्वास्थ्य सेवा, अस्पताल और मेडिकल की स्थापना जो सभी वर्गों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं के लिए खर्च होगा। उच्च स्तरीय 12 स्कूलों का निर्माण ताकि बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा, युवाओं के लिए उन्नत कौशल, विकास कार्य, वाह! क्या बात है अडानी जी अगर देश के सभी बड़े उद्योगपति ऐसी सोच और ऐसा बड़ा दिल कर लें तो भारत का नक्शा ही बदल जाएगा। यही नहीं गौतम अडानी ने सोशल मीडिया पर बेटे की शादी की तस्वीरें साझा करते हुए शुभचिंतकों से आशीर्वाद की कामना की और सभी को आमंत्रित न कर पाने के लिए क्षमा प्रार्थना की। इस प्रकार अडाणी परिवार ने इस ​विवाह को सादगी और सामाजिक सेवा के साथ मनाकर एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

Advertisement
Advertisement
Author Image

Kiran Chopra

View all posts

Advertisement
×