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Anil Ambani की बढीं मुश्किलें! छापेमारी के बाद अब ED ने लिया ये एक्शन

08:58 PM Aug 01, 2025 IST | Amit Kumar
anil ambani की बढीं मुश्किलें  छापेमारी के बाद अब ed ने लिया ये एक्शन
Anil Ambani

Anil Ambani: देश के प्रमुख उद्योगपतियों में शामिल और रिलायंस धीरूभाई अंबानी ग्रुप के चेयरमैन Anil Ambani की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया है। इसके साथ ही उन्हें 5 अगस्त को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

ED 17,000 करोड़ रुपये के कथित वित्तीय घोटाले की जांच कर रही है। यह घोटाला Anil Ambani समूह की कुछ कंपनियों से जुड़ा हुआ है। इसी सिलसिले में पिछले सप्ताह ईडी ने मुंबई में 35 ठिकानों पर छापेमारी की, जो रिलायंस ग्रुप की कंपनियों और उनसे जुड़े व्यक्तियों से संबंधित थे। इस कार्रवाई में करीब 50 कंपनियां और 25 लोग जांच के दायरे में आए हैं। यह जांच मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की जा रही है।

10,000 करोड़ रुपये के लोन डायवर्जन का शक

ईडी की छानबीन इस बात पर केंद्रित है कि Anil Ambani ग्रुप की कुछ कंपनियों ने बैंकों से लिए गए लोन का दुरुपयोग किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से लिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के लोन को गलत तरीकों से दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर किया गया। कुल मिलाकर ग्रुप पर 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज घोटाले का आरोप है।

रिलायंस ग्रुप की सफाई

रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी है कि ईडी की इस कार्रवाई से उनकी मौजूदा कारोबारी गतिविधियों, आर्थिक स्थिति या शेयरधारकों पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने यह भी बताया कि जिन लेन-देन की बात मीडिया रिपोर्ट्स में की जा रही है, वे रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCOM) और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) से संबंधित हैं, जो कि कई साल पुराने हैं।

शेल कंपनियों और रिश्वतखोरी की भी जांच

जांच में सामने आया है कि कुछ लोन बिना पर्याप्त दस्तावेज और क्रेडिट जांच के मंजूर किए गए। कई लोन मंजूरी की तारीखों को भी कथित रूप से बदला गया है। इसके अलावा, कुछ कंपनियों को जानबूझकर फायदा पहुंचाने के लिए पैसा भेजा गया। कई ट्रांजेक्शन शेल कंपनियों के माध्यम से किए गए, जिनका मालिकाना हक या पते एक जैसे पाए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, यस बैंक के कुछ प्रमोटरों को भी फायदा पहुंचाने के लिए रिश्वत जैसी गतिविधियाँ की गईं, जिससे ‘क्विड प्रो क्वो’ यानी "लेन-देन के बदले लाभ" की आशंका जताई जा रही है।

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