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ये दंपति अपने ख‍िलख‍िलाते बच्‍चे को चाहकर भी गले नहीं लगा सकता, वजह कर देगी हैरान

अमेरिका के दपंति विक्टर नावा और एड्रियाना कुछ महीने पहले ही माता-पिता बने हैं। माता-पिता बनना हर दंपति के लिए बहुत बड़ी बात होती है।

09:30 AM Oct 01, 2019 IST | Desk Team

अमेरिका के दपंति विक्टर नावा और एड्रियाना कुछ महीने पहले ही माता-पिता बने हैं। माता-पिता बनना हर दंपति के लिए बहुत बड़ी बात होती है।

अमेरिका के दपंति विक्टर नावा और एड्रियाना कुछ महीने पहले ही माता-पिता बने हैं। माता-पिता बनना हर दंपति के लिए बहुत बड़ी बात होती है। अपने बेटे के जन्म के 5 महीने बाद भी विक्टर नावा और एड्रियाना ने उसे गले नहीं लगाया है। 
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यह किसी भी माता-पिता के लिए बहुत ही दुख की बात है। अपने बच्चे को यह दपंति प्यार नहीं कर सकता और ना ही पुचकार सकता है। एक लाइलाज दुर्लभ त्वचा रोग क्विटर नावा और एड्रियाना के बेटे को है। बच्चे के अधिकांश अंगों पर स्किन इस रोग की वजह से नहीं है। 
घाव थर्ड डिग्री बर्न के समान हैं
बच्चे का जन्म 14 मई 2019 को कैलिफोर्निया के सेंट जोसेफ अस्पताल में हुआ है। अपने बच्चे के इस रोग पर एड्रियाना ने बात करते हुए कहा, उसका नाम एड्रीन हमने बहुत प्यार से रखा है। उसके जन्म के साथ ही हमें समझ आ गया था कि कुछ गड़बड़ है। वह बुरी तरह रो रहा था। कांप रहा था। वह बहुत दर्द में था।
बच्चे को जन्म के साथ ही दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहां डॉक्टरी जांच में पता चला कि उसे Epidermolysis Bullosa है। इस रोग में घाव शरीर की त्वचा पर हो जाते हैं और थर्ड डिग्री घाव पर जो जलने वाले घाव होते हैं वैसे ही इस रोग में होते हैं। 
घंटो तक कुछ समझ नहीं आया जब देखा तो….
एक रिपोर्ट के अनुसार, जानलेवा है ये रोग। ज्यादातर बच्चों की मौत जन्म के पहले साल ही हो जाती है। इस रोग में 87 प्रतिशत बच्चों की मौत हो जाती है। इस पर एड्रियाना ने कहा कि, हर दिन, हर महीना हमारा एड्रीन के साथ अमूल्य है। 
वहीं पिता विक्टर ने कहा कि, एड्रीन का जब जन्म हुआ तो हम सब बहुत खुश थे। लेकिन वहीं उसकी अति संवेदनशील त्वचा को देखकर हम सब ही हैरान रह गए। किसी तितनी की तरह उसकी त्वचा है। हट जाती है छूते ही। मैंने जब यह सबकुछ देखा तो मैं कई घंटों के लिए शून्य में चला गया। कुछ समझ नहीं आया। 
ठीक लगता है एक दिन, अगले ही दिन…..
एंटीबायोटिक्स डॉक्टर्स एड्रीन को दे रहे हैं। आम बच्चों की ही तरह एड्रीन खिलखिलाकर हंसता है। रोता भी है। समान्य बच्चों की ही तरह एड्रीन को भूख लगती है। लेकिन एड्रीन को उसके परिवार के लोग छू नहीं सकते। जैसे ही एड्रीन को छूते हैं वैसे ही त्वचा पर घाव आ जाते हैं। ऐसा लगता है कि त्वचा वहां से हट गई। 
बता दें कि विक्टर और एड्रियाना ने अपने बेटे को 1 महीने तक अपस्ताल में भर्ती कराया उसके बाद वह उसे घर ले आए। विक्टर ने कहा कि, किसी दिन हमें लगता है कि एड्रीन ठीक हो रहा है, लेकिन अगले ही दिन हालत पहले से ज्यादा खराब हो जाती है। ईश्वर ने इस मासूम के साथ ऐसा क्यों किया है?
दे सकती है नया घाव जरा सी भी गलती
इस रोग में सबसे बड़ी परेशानी यह है कि जरा सी भी लापरवाही एड्रीन के साथ की तो घाव हो जाता है और जिसके बाद वह दर्द में कराहता रहता है। एड्रीन को इस हाल में माता-पिता सिर्फ देख सकते हैं कुछ कर नहीं सकते।
एड्रीन को बिस्तर पर रखने, गोद में उठाने के लिए बहुत सावधानी रखनी पड़ती है। अगर छोटी सी भी गलती हो गई तो शरीर पर नया घाव बन जाएगा। 
संघर्ष है यह जीवनभर का 
जब विक्टर और एड्रियाना ने इस बीमारी से पीड़ित दूसरे लोगों से बात की तो उन्हें राहत नहीं मिल पाई। उन दोनों से लोगों ने कहा कि यह संघर्ष जीवन भर का है। 
क्राउड फंडिंग अपने मासूम बच्चे के लिए इस दंपति ने शुरु कर दी है। एड्रीन के इलाज में लगभग 15 हजार से 16 हजार डॉलर का खर्च हर महीने आता है। 
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