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अशोक गहलोत की चुनावी तैयारी अभी से शुरू, जानिए जनवरी में आने वाले बजट से क्या है संबंध

राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र में है। खींचतान और बयानबाजी के बीच सीएम अशोक गहलोत ने अगले साल होने वाले चुनावों को लेकर तैयारियों को धार देनी शुरू कर दी है

11:27 AM Nov 27, 2022 IST | Desk Team

राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र में है। खींचतान और बयानबाजी के बीच सीएम अशोक गहलोत ने अगले साल होने वाले चुनावों को लेकर तैयारियों को धार देनी शुरू कर दी है

राजस्थान में चल रहे सियासी संकट के बीच एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र में है। खींचतान और बयानबाजी के बीच सीएम अशोक गहलोत ने अगले साल होने वाले चुनावों को लेकर तैयारियों को धार देनी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि गहलोत सरकार इस बार तय समय से पहले बजट लेकर आ रही है जहां इस बार बजट जनवरी में पेश किया जा सकता है। गुजरात चुनाव और दिसंबर में राजस्थान में प्रवेश होने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ी यात्रा के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने बजट सत्र फरवरी के बजाय जनवरी में बुलाने का निर्देश दिया है।

जानकारी मिली है कि मंत्रिमंडल सचिवालय ने सभी विभागों को इसको लेकर एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें बजट सत्र जनवरी में ही शुरु होने की संभावना जताई गई है। ऐसे में समय से पहले बजट पेश करने को लेकर भी अब कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।

मंत्रिमंडल सचिवालय के सर्कुलर में कहा गया कि राजस्थान विधानसभा का आगामी सत्र (बजट सत्र) जनवरी 2023 में शुरू होने की प्रबल संभावना है जिसमें राज्यपाल का अभिभाषण होने के बाद यथासंभव राज्य सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और नीतिगत निर्णयों का विवरण होगा। वहीं आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में विवरण भी होगा।

विभागों को 20 दिसंबर तक की डेडलाइन

जानकारी के मुताबिक सरकार की ओर से राज्यपाल अभिभाषण-2023 की सामग्री में विभाग की ओर से शामिल की जाने वाली प्रमुख उपलब्धियों, विभाग को राष्ट्रीय-राज्य स्तर पर प्राप्त पुरस्कार, नवीन योजनाओं, नीतियों और नवाचारों के विवरण देने के निर्देश दिए गए हैं।

वहीं सर्कुलर में कहा गया है कि सभी विभाग 20 दिसंबर तक सामग्री पहुंचाएं। इसके अलावा सभी विभागाध्यक्षों का निर्देश दिए गए हैं कि वे राज्यपाल के अभिभाषण में शामिल किए जाने वाली योग्य सामग्री तत्काल प्रशासनिक विभाग को भेजें।

चुनावों से पहले गहलोत का मास्टरस्ट्रोक !

दरअसल, अगले साल के आखिरी में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं और राज्य में फिलहाल असमंजस का माहौल है और नेतृत्व बदलने के कयास लगाए जा रहे हैं ऐसे में गहलोत जल्दी बजट लाकर कई निशाने एक साथ लगाना चाहते हैं। बता दें कि जब विधानसभा का सत्र चल रहा होगा, तो राज्य में बदलाव की संभावना बहुत कम होगी और सत्र मार्च में खत्म होगा ऐसे में दिसंबर 2023 में होने वाले अगले विधानसभा चुनावों के लिए ज्यादा समय नहीं बचेगा तो आलाकमान उस समय कोई त्वरित कार्रवाई करने से पहले सोचेगा।

वहीं गहलोत सरकार इस बार बजट में हर वर्ग को खुश करने के लिए कई बड़ी घोषणाएं कर सकती है जिससे चुनावों से पहले सरकार अपने पक्ष में एक माहौल खड़ा कर सके।

इसके अलावा आलाकमान मुख्यमंत्री को लेकर कोई फैसला करें तो ऐसे में बजट घोषणाओं का पूरा सियासी फायदा गहलोत को मिल सके। हालांकि बताया यह भी जा रहा है कि गहलोत के पिछसे ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए पार्टी उनके नेतृत्व में आगामी चुनावों को लेकर थोड़ा आशंकित है।

सरकार रिपीट को लेकर आश्वस्त गहलोत

वहीं दूसरी ओर गहलोत इस बार सरकार को रिपीट करने को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं जहां उन्होंने अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को ‘राजस्थान मॉडल’ के रूप में प्रचारित किया है। गहलोत का दावा है कि उनकी सरकार को सत्ता विरोधी लहर का कोई खतरा नहीं है और उन्होंने बिना किसी कर्मचारी संघ की मांग के पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की शुरुआत की। 

इसी तरह, केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) की तर्ज पर आरजीएचएस के तहत उन्हें कैशलेस मेडिकल कवर और नियमों में ढील दी। वहीं सूबे में फिलहाल चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना है जहां राज्य में प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर और मुफ्त आईपीडी और ओपीडी सुविधा दी जाती है। इसके अलावा आने वाले दिनों में सरकार जन आधार योजना के तहत पंजीकृत 1।35 करोड़ महिलाओं को स्मार्टफोन देने जा रही है।

 

 

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