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अटल पेंशन योजना: वंचितों की वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा की ओर अहम कदम

भारत में भौगोलिक स्थिति, भाषा, संस्कृति, आय प्रसार, उपभोग पैटर्न, डिजिटल पहुंच…

04:09 AM May 22, 2025 IST | Editorial

भारत में भौगोलिक स्थिति, भाषा, संस्कृति, आय प्रसार, उपभोग पैटर्न, डिजिटल पहुंच…

भारत में भौगोलिक स्थिति, भाषा, संस्कृति, आय प्रसार, उपभोग पैटर्न, डिजिटल पहुंच और वित्तीय साक्षरता से संबंधित एक बड़ी और विविधतापूर्ण आबादी निवास करती है, फलस्वरूप पेंशन सहित सामाजिक सुरक्षा जाल को स्थापित करने का कार्य बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाता है। जनसांख्यिकीय लाभांश ने लाखों लोगों के उम्र दराज होने से पहले ही एक मजबूत पेंशन प्रणाली बनाने का अवसर प्रदान किया है। इस अवसर को सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास और जैम ट्रिनिटी (जन-धन खाता, आधार और मोबाइल) के भारतीय स्टैक द्वारा अधिक सुगम बनाया गया है। भारत में संगठित क्षेत्र में कार्यबल का 20 प्रतिशत से कम हिस्सा शामिल है जो अनिवार्य रूप से किसी न किसी प्रकार पेंशन कवरेज से युक्त है, जबकि अनौपचारिक क्षेत्र में नियोक्ता कर्मचारी के बीच कमजोर संबंध और उनकी प्रवासी प्रकृति के कारण पेंशन कवरेज प्रदान करने में सबसे बड़ी चुनौती आती है। अटल पेंशन योजना (एपीवाई), असंगठित क्षेत्र के निर्धनों, वंचितों और श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसमें केंद्रीय बजट 2015-16 में इसकी घोषणा के बाद से पिछले दशक में संचयी नामांकन और प्रबंधन के तहत आस्तियों की संख्या के मामले में स्पष्ट और महत्वपूर्ण वृद्धि दिखाई दी है। दिनांक 31 मार्च, 2025 तक 44,781 करोड़ रुपये की प्रबंधनाधीन आस्तियों (एयूएम) के साथ संचयी नामांकन 7.61 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया है और दिनांक 31.03.2022 को 20,922 करोड़ रुपये से अधिक बढ़ गया है। यह एक हाइब्रिड स्कीम है, क्योंकि यह परिभाषित लाभ और परिभाषित अंशदान की विशेषताओं से मिलकर बनी है। अटल पेंशन योजना, 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के सभी भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है।

इसमें 1,000 रुपये, 2,000 रुपये, 3,000 रुपये, 4,000 रुपये और 5,000 रुपये प्रति माह की गारंटीकृत पेंशन राशि का विकल्प प्रदान किया गया है। योजना को ग्राहक के अनुकूल डिजाइन किया गया है, जिसमें मासिक अंशदान की राशि 18 वर्ष की आयु में 42 रुपये से 210 रुपये है, यदि पेंशन राशि क्रमशः 1,000 रुपये प्रति माह और 5,000 रुपये प्रति माह चयनित की गई है। इसमें त्रैमासिक और अर्ध-वार्षिक अंशदान का विकल्प प्रदान किया गया है। 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले अभिदाता के लिए पेंशन शुरू होगी और उनकी मृत्यु के बाद उनके पति या पत्नी को देय होगी और उसके बाद, योजना से संबंधित पेंशन भोगी की संचित राशि उसके नामिती को देय होगी। दिनांक 01.10.2022 से आयकरदाताओं को अटल पेंशन योजना का विकल्प चुनने की अनुमति नहीं है। इस योजना के तहत पहला पेंशन भुगतान वर्ष 2035 में शुरू होगा। प्रति माह 1,000 रुपये की गारंटीकृत पेंशन राशि लोगों के बीच अधिक लोकप्रिय रही है, क्योंकि 31 मार्च, 2025 तक कुल सकल नामांकन के 86% अभिदाताओं ने इसका विकल्प चुना है।

लिंग अनुपात संतुलन की दिशा में महिला अभिदाताओं के नाते एपीवाई योजना के तहत कुल सकल नामांकन 31 मार्च, 2016 के 38% से बढ़कर 31 मार्च, 2025 तक 48% हो गया है। एपीवाई योजना के आयु-वार वितरण के अध्ययन से पता चलता है कि दिनांक 31 मार्च 2025 तक कुल सकल नामांकन के 45% अभिदाता 18 से 25 वर्ष की आयु वर्ग में हैं और 24% अभिदाता 26 से 30 वर्ष के आयु वर्ग के बीच तथा कुल सकल नामांकन के 11% अभिदाता 35 वर्ष से अधिक आयु के हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों, सहकारी बैंकों और डाक विभाग जैसे एपीवाई सेवा प्रदाताओं ने जमीनी स्तर पर एपीवाई की पहुंच हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कुल सकल नामांकन के मामले में शीर्ष पांच राज्य उत्तर प्रदेश (122.39 लाख), बिहार (73.10 लाख), महाराष्ट्र (61.33 लाख), पश्चिम बंगाल (58.59 लाख) और तमिलनाडु (50.50 लाख) हैं। अटल पेंशन योजना वित्तीय सुरक्षा के साथ-साथ वृद्धावस्था आय सुरक्षा, समय के साथ खपत को सुचारू बनाने का साधन और दीर्घायु के जोखिम के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। यह ऐसे परिदृश्य में अधिक महत्वपूर्ण है, जब समय के साथ वृद्धावस्था निर्भरता अनुपात और 65 वर्ष की आयु में जीवन प्रत्याशा, दोनों में वृद्धि हुई है। संयुक्त राष्ट्र विश्व जनसंख्या संभावना रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2031 तक भारत में वृद्धावस्था निर्भरता अनुपात 20.1% तक होने का अनुमान है और वर्ष 2050 में जन्म के समय जीवन प्रत्याशा 75वर्ष होगी। अटल पेंशन योजना के माध्यम से प्रमुख रूप से असंगठित क्षेत्र के कार्यबल जैसे स्व. नियोजित, कैजुअल, गिग, प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए पेंशन कवरेज प्रदान किया जा सकता है। लोगों की जीवन प्रत्याशा में हो रही बढ़ौतरी को देखते हुए वृद्धावस्था आय सुरक्षा प्रदान करने के लिए मौजूदा व्यवस्थाओं की पर्याप्तता और आगे चलकर मुद्रास्फीति-सूचकांक एक चुनौती होगी। अटल पेंशन योजना वित्तीय और सामाजिक मानदंड दोनों पर जनता के लाभ के लिए एक भलीभांति डिज़ाइन की गई योजना है। सामान्य रूप से वित्तीय साक्षरता और विशेष रूप से स्कूली पाठ्यक्रम में पेंशन साक्षरता को एकीकृत करके यह सेवानिवृत्ति योजना सभी के लिए समावेशी पेंशन कवरेज प्राप्त करने की दिशा में एक गेम चेंजर सिद्ध होगी।

– मनोज आनंद

प्रोफ़ेसर (वित्त और लेखा)

मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम

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